शाहिद धनेश्वर महतो के श्राद्ध भोज शामिल हुई पूर्व विधायक बबिता

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के हरनाद गावं के रहने वाले 1971 पाकिस्तान युद्ध मे शामिल धनेश्वर महतो को तेनुघाट मे गोमियां के पूर्व विधायक बबिता देवी उनके चित्र पर फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की।

वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध और 1999 के कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले कसमार प्रखंड के हरनाद निवासी धनेश्वर महतो (72 वर्ष) का बीते दिनों निधन हो गया था। बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के रूप में सेवा देते हुए शहीद महतो को दोनों युद्ध में शामिल होने का मौका मिला था। इसके अलावा सियाचिन ग्लेशियर में तीन महीने की कठिन ड्यूटी कर देश की सेवा की थी।

सियाचिन की ड्यूटी खत्म होने के तुरंत बाद कारगिल युद्ध शुरू हुआ था। इस युद्ध में दुश्मनों की गोली लगने से वे जख्मी हो गये थे। जिससे कई वर्षों तक बीएसएफ के अस्पताल में उनका इलाज चला, लेकिन पूर्ण स्वस्थ नहीं हो सके। लिहाजा वर्ष 2008 में बीएसएफ की ओर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गयी।

इसी बीच 2012 में वे ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गये। उस परिस्थिति में पुत्र समेत घर के सभी सदस्य पैतृक गांव कसमार प्रखंड के हरनाद आ गए। तब से वे बेड पर ही रहे। पत्नी बाला देवी, पुत्र राजीव रंजन, पुत्री काजल कुमारी एवं रजनी कुमारी सेवा करते रहे।

उनके श्राद्ध कार्यक्रम में स्थानीय वर्तमान विधायक की पत्नी व समाज सेवी कौशल्या देवी, एक निजी टीवी के वीटी एडिटर उपेंद्र शंखवार, पेटरवार रिपोर्टर मिथलेश कुमार सहित कई गणमान्य ने शामिल होकर श्रद्धांजलि दिया।

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