अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा-राजेश यादव

मोतीलेदा में भाकपा माले की पंचायत स्तरीय जन सुनवाई संपन्न

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। मुकम्मल विकास के लिए ग्रामीणों को वर्षों से उपेक्षित कर रखा गया है। आज भी राशन, पानी, आवास, बिजली, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को रहिवासी झेल रहे हैं। बार-बार जनता का वोट लेने वालों को इसकी कोई फिक्र नहीं है।

देश की फासीवादी सरकार जनता को झूठे वादों से बहलाने में लगी है। इसलिए अब जनता को भी हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रहने के बजाय अपने अधिकारों के लिए लाल झंडे तले गोलबंद होकर लड़ाई लड़नी होगी।

उपरोक्त बातें पूर्व जिप सदस्य सह माले एवं किसान महासभा के नेता राजेश यादव ने 12 मार्च को गिरिडीह जिला के हद में मोतीलेदा पंचायत भवन में पार्टी की ओर से आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

जन सुनवाई में मोतीलेदा पंचायत के विभिन्न गांवों से रहिवासियों ने भाग लेकर अपनी ज्वलंत समस्याओं को रखा। जिसपर माले नेता ने कहा कि, इस पंचायत में करोड़ों की लागत से ग्रामीण जलापूर्ति योजना बनी है लेकिन पंचायत वासी पानी के लिए तरस रहे हैं। गरीबों के राशन की लूट बदस्तूर जारी है।

उन्होंने कहा कि यहां की जर्जर सड़कें चलने लायक नहीं है। नौकरियां खत्म करने वाली सरकार अब गरीबों के जीवन यापन के दूसरे धंधों पर भी रुकावट डाल रही है। कोयला, बालू, ढिबरा पर गुजारा करने वाले गरीबों को पुलिस प्रशासन परेशान करती है। शहर के फुटपाथों को भी गरीबों के रोजगार के लिए देने के बजाय अमीरों के व्यावसायिक प्रचार के लिए देने का सिलसिला चल रहा है।

यादव ने कहा कि समाज के भूमिहीन परिवारों को जमीन तथा वन भूमि पर बसे सभी रहिवासियों को वन भूमि का पट्टा नहीं मिल रहा है। यादव ने कहा कि, इस बुरे हाल में भी अधिकांश नेताओं और पार्टियों का जनता के साथ रिश्ता सिर्फ वोट लेने तक ही बचा है। अतः ऐसी परिस्थिति में जनता को भी बदलाव के लिए संघर्ष का रास्ता चुनना होगा।

कार्यक्रम में जन समस्याओं से जुड़े 12 सूत्री प्रस्ताव पारित कर सरकार से समाधान की मांग की गई। साथ ही, रहिवासियों से भी गांव-गांव में भाकपा माले समर्थित मजदूर-किसानों के जन संगठनों का निर्माण कर जन संघर्ष के रास्ते चलने की अपील की गई।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रखंड सचिव शिवनंदन यादव, मनोज कुमार यादव, रामलाल मुर्मू, रामलाल मंडल, नंद किशोर राय, प्रेम वर्मा, लखन कोल, छोटेलाल यादव, लूटन कोल, पप्पू पूरी, पप्पू यादव, रंजीत यादव, पंकज शर्मा, महेंद्र यादव, शंभू तुरी, रीता देवी, आदि।

पार्वती देवी, लीलावती देवी, सुदामा देवी, पंकज कुमार शर्मा, शंकर मंडल, बिसुन दास, अजय कुमार यादव, अशोक मरीक, चांदो मंडल, रेखा देवी, मुंद्रिका देवी, मीना देवी, मुनिया देवी, सुनीता देवी, हेमंती देवी, उर्मिला देवी, जयनारायण सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

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