ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। झारखंड बार काउंसिल (Jharkhand Bar Council) के निर्देशानुसार एवं अधिवक्ता संघ तेनुघाट के आवश्यक बैठक में लिए गए प्रस्ताव के आलोक में 25 जुलाई को तेनुघाट अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने अपने आप को न्यायिक कार्यों से अलग रखा।
“झारखंड सरकार (Jharkhand) होश में आओ” “न्यायालय शुल्क वृद्धि वापस लो” के नारों के साथ अधिवक्ताओं ने तेनुघाट में एक रैली निकाली। रैली तेनुघाट चौक होते हुए अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय पहुंच कर समाप्त हुआ। इस बारे में संघ के अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा ने बताया कि झारखंड सरकार के निर्देश पर न्यायालय में 200 प्रतिशत से अधिक न्यायालय शुल्क की वृद्धि की गई है।
जिसे लेकर 25 जुलाई को पूरे झारखंड के लगभग 35,000 से अधिक अधिवक्ता ने अपने आप को न्यायायिक कार्यों से अलग रखा। मिश्रा ने बताया कि इस तरह से अचानक 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करने से गरीब जनता पर काफी असर पड़ेगा और वह न्याय पाने से वंचित हो जाएगी। इसे लेकर संघ के द्वारा सरकार तक यह बात पहुंचाने के लिए अधिवक्ता संघ ने न्यायिक कार्यों से खुद को अलग रखा।
संघ के महासचिव वकील प्रसाद महतो ने बताया कि सरकार के इस निर्णय का अधिवक्ता संघ पुरजोर विरोध करती है। यह जनता के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी तरह के न्यायालय शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि की, जो जनता के हित में बिल्कुल नहीं है।
एक तरफ सरकार (Government) कहती है कि हम सुलभ एवं सस्ता न्याय देंगे, वहीं दूसरी तरफ अचानक न्यायालय शुल्क में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करती है जो सरासर गलत है। जिससे गरीब जनता पर असर पड़ेगा और वह न्याय पाने से वंचित रहेंगे। इसलिए हम लोग आज न्यायिक कार्यों से खुद को अलग रखें।
महतो ने बताया कि संघ सरकार से यह मांग करती है कि वह अपना फैसला वापस ले और न्यायालय शुल्क में कमी लाएं। वरना हम आगे भी जनता के हित में हर तरह के आंदोलन करने को तैयार हैं।
इससे पूर्व अधिवक्ता संघ द्वारा संघ भवन में बैठक कर काला बिल्ला लगाया गया। इसके बाद एक रैली निकाली गयी जो तेनुघाट चौक होते हुए अनुमंडल कार्यालय में जाकर झारखंड सरकार के मुख्य सचिव के नाम अनुमंडल पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें न्यायालय में शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर जो जनता पर बोझ पड़ा है उसे वापस लेने की मांग की है।
इस अवसर पर जनार्दन प्रसाद, बिरेंद्र प्रसाद, डी एन तिवारी, वकील महतो, विजय कुमार बबन, जगदीश मिस्त्री, दिलीप कुमार सिन्हा, मो मोबिन, अशोक पाठक, चेतना नंद प्रसाद, सुभाष कटरियार, रविंद्र नाथ बोस, समसूल हक, कनक कुमार सिन्हा, जयप्रकाश तिवारी, रियाज अंसारी, पुनीत लाल प्रजापति, संजय कश्यप, निरंजन महतो, सुरेश यादव, तपन कुमार डे, शांत कुमार डे, प्रशांत पाल, आदि।
रितेश कुमार जयसवाल, तेज नारायण महतो, अरुण महतो, रंजीत सिंह, शशि भूषण, पंकज झा, अभिषेक मिश्रा, प्रह्लाद महतो, रजनीश कुमार, बसंत तिवारी, बिहारी तिवारी, गजाधर महतो, गिरीवर महतो, शिव कुमार वर्मा, मो शब्बीर, शंकर ठाकुर, राज कुमार यादव, विकास कुमार सहित संघ के अधिवक्ता गण मौजूद थे।
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