कोयला उत्पादन होने पर 1240 करोड़ का होगा मुनाफा-जीएम
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में सीसीएल ढोरी क्षेत्रिय प्रबंधन बंद पिछरी कोलियरी को खोलने की कवायद तेज कर दी है। इसे लेकर ढोरी जीएम कार्यालय मे 6 जुलाई को महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल ने बैठक की।
इस अवसर पर जीएम अग्रवाल (GM Agrawal) ने बताया कि सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद के नेतृत्व मे ग्रामीणो, विस्थापितों, जनप्रतिनिधियों के सहयोग से 20 वर्ष से बंद पिछरी कोलियरी को चालू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछरी कोलियरी मे 190 लाख टन कोयला का रिजर्व भंडार है। कोयला उत्पादन होने पर 1240 करोड़ का मुनाफा होगा।
बोकारो डीसी (DC) के निर्देश पर पेटरवार अंचल कार्यालय की ओर से पिछरी कोलियरी में शामिल 133.28 एकड़ जीएम जेजे लैंड पर किसी रैयतों का दावा या अनापत्ति को लेकर बीते 5 जुलाई को पिछरी उत्तरी पंचायत सचिवालय में ग्राम सभा बुलाई थी। ग्राम सभा में कई रैयतों ने जीएम जेजे लैंड पर अपना दावा किया है।
जिसे जांचोपरांत कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया। जीएम अग्रवाल ने कहा कि पिछरी कोलियरी में कुल 458 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी है। जिसमें 300 एकड़ रैयतों की है। इस जमीन में प्रबंधन 150 नौकरी देने को तैयार है। आरआर पॉलिसी के तहत एक रैयत की दो एकड़ जमीन होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तीन-चार कारण से पिछरी कोलियरी चालू नहीं हो पा रहा है। माइंस को चालू करने के लिए रैयतों के जमीन का सत्यापन, डिवाटरिंग, दामोदर नदी के पानी माइंस में प्रवेश करने से रोकने के लिए नये सीरे से ईसी की अनुमति लेना है।
उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय में 150 एकड़ जमीन के लिए रैयतों ने अपना कागजात जमा किया है। लेकिन 25-26 एकड़ जमीन का ही सत्यापन हुआ है। इन सभी प्रक्रिया को पूरा करते हुए माइंस को चालू करने में एक वर्ष लग जायेंगे। उन्होंने कहा कि रैयतों को कंपनी के आरआर पॉलिसी के तहत अधिकार देते हुए माइंस चालू करेंगे।
वे सभी रैयत के साथ एक तरह का व्यवहार करते है। यदि हमारे रैयतों का हक कोई गैर समाजिक तत्व बाधा पहुंचाते है तो प्रशासन का सहयोग लेकर उचित कार्रवाई करने का काम करेंगे। यहां से वाशरी ग्रेड कोयला निकलेगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में 54 लाख टन कोयला उत्पादन करना है।
अभी तक मात्र 7 लाख 80 हजार टन ही उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछरी कोलियरी चालू करने को लेकर प्रबंधन, विस्थापित, ग्रामीण और प्रशासन की उपस्थिति में ग्राम सभा में बनी सहमति पर दूरगामी तथा सकारात्मक असर होगा। नई-नई कोलियरी खुलने से बड़े-बड़े कल कारखानों, उद्योगों तथा विद्युत स्टेशनो के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयला का उत्पादन हो सकेगा। वही काफी लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा।
बताते चले कि विस्थापित नेता काशीनाथ सिंह ने असंतोष व्यक्त करते हुए प्रबंधन का पुतला दहन किया। यह दर्शाता है कि भविष्य में पिछरी कोलियरी चालू करने के दौरान कई विध्न बाधा भी आते जाते रहेंगे। प्रबंधन को सारी समस्या का समाधान करते हुए पिछरी कोलियरी को चालू करना होगा। मौके पर पीओ बीके गुप्ता, एसओपी प्रतुल कुमार, मैनेजर डीसी राय, एलएंडआर आशीष अंचल, एएसओ सीताराम यूके आदि उपस्थित थे।
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