प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। प्रति वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को सुहागिन महिलाएं अपने अपने पति के दीर्घायु के लिए वट-सावित्री व्रत विधि विधान के साथ करती हैं।
इस बार यह पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। पहली 29 मई को अमावस्या तिथि देर से पड़ी और बहुत कम सुहागिनों ने व्रत को धारण किया। जो सूर्य उदय तिथि को मानते आ रही हैं, वे सुहागिन 30 मई को व्रत रखेंगी।
इसे लेकर 29 मई को पेटरवार प्रखंड (Peterwar block) के हद में अंगवाली सहित आसपास के ग्राम की सुहागिनों ने बटवृक्ष सावित्री व्रत का धारण बड़ी संयम के साथ किया। अंगवाली के राजाटांड़ स्थित बरगद वृक्ष तले पंडित बबलू पांडेय, बनेथान धाम में रामपद बाबा, विवाह मंडप स्थित बरगद के नीचे कपिल पांडेय ने व्रतियों को पूजा कराया।
मौके पर महासती सावित्री ने अपने मृत पति के प्राण को अपनी बुद्धिमत्ता से किस तरह यमराज से दुबारा प्राप्त किया, उक्त कथा का भी श्रवण ब्रतधारियों को कराया गया।
नव वस्त्र एवं आभूषणों से सुसज्जित सुहागिन स्त्रियां आचार्यों के बीच अन्न, अर्थ, वस्त्र, फल आदि दान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। तत्पश्चात घर जाकर अपने पतियों को बांस के पंखे से हवा खिलाई।
565 total views, 1 views today