सीसीएल की कुव्यवस्था का दंश झेल रहा है कामगार

झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखा रहा है सीसीएल प्रबंधन-अजय

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बेरमो कोयलांचल के बोकारो करगली क्षेत्र के कारो विशेष परियोजना में कार्यरत धनेश्वर यादव पिछले दस वर्षो से सीसीएल प्रबंधन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। आज तक उक्त कामगार को न्यायालय के आदेश के बाद भी नियोजन के लिए धरना प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ रहा है।

ज्ञात हो कि कामगार धनेश्वर यादव लंबी अनुपस्थिति के आरोप में बर्खास्त हुआ था। बर्खास्तगी के बाद सीसीएल प्रबंधन के तय नियमावली के तहत पुनः बहाली हेतु सीसीएल प्रबंधन द्वारा सर्कुलर जारी किया गया था, aad जिसमें तय नियम के तहत जिनका भी आवेदन प्राप्त होगा।

उस मापदंड के आलोक में पुन: बहाली की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। तय नियमावली के तहत दर्जनों श्रमिकों का पुनः बहाली हुआ, लेकिन धनेश्वर यादव का मामला 10 वर्षों से अधिक समय तक विचाराधीन पड़ा है।

सीसीएल प्रबंधन द्वारा हमेशा लिखित आश्वासन के माध्यम से यह भरोसा दिया जाता रहा है कि जल्द ही मामले का निष्पादन किया जाएगा। सीसीएल प्रबंधन का कच्छप चाल पीड़ित परिवार के पीड़ा को और ही जटिल बनाता जा रहा है।

यह पीड़ित परिवार के साथ घोर अन्याय है। थक हार कर पीड़ित परिवार अपने परिजनों के साथ लगातार दूसरे दिन 19 मई को सीसीएल मुख्यालय रांची पर अनशन पर बैठ कर न्याय की गुहार लगा रहा है। वहीं सीसीएल प्रबंधन इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है।

इस संदर्भ में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के सीसीएल सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा सीसीएल अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए उक्त मामले में न्यायालय के आदेश को अबतक ठेंगा दिखाने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर धनेश्वर यादव को न्याय नहीं मिला तो न्याय हेतु सीसीएल मुख्यालय पर स्वयं धरना और अनशन के माध्यम से न्याय दिलाने के लिए प्रबंधन को मजबूर किया जायेगा। औद्योगिक अशांति की जवाबदेही सीसीएल प्रबंधन की होगी।

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