गोमियां पुलिस अपना रही है टालमटोल की नीति
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में गोमियां पुलिस की टालमटोल नीति से त्रस्त सेवा निवृत सीसीएल कर्मी न्याय की गुहार लगा रहे हैं। बावजूद इसके सड़क दुर्घटना में घायल होने के एक माह बाद भी अबतक मामला नहीं दर्ज करना पुलिस की कार्य शैली पर संदेश जाहिर करता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 2 अप्रैल को दोपहर लगभग 2:30 बजे एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आकर सेवानिवृत सीसीएल कर्मी केंद्रीय श्रम संगठन सीटू से संबद्ध एनसीओईए (NCOEA) के बेरमो कोयलांचल जोनल सचिव 70 वर्षीय श्याम बिहारी सिंह दिनकर स्वांग डीएवी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे।
जिसे गोमियां पुलिस (Gomiyan Police) के सहयोग से दुर्घटना में शामिल वाहन के माध्यम से सीसीएल के कथारा क्षेत्रीय अस्पताल भेजा गया था। जहां स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के चिकित्सक डॉ निशा टोप्पो ने तत्काल के. एम. मेमोरियल अस्पताल चास (बोकारो) रेफर कर दिया। बताया जाता है कि उक्त वाहन की चपेट में आकर दिनकर का दांया पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
इस संबंध में पीड़ित का कहना है कि इसकी लिखित सूचना उनके द्वारा गोमियां थाना को दे दी गई थी। बावजूद इसके घटना के 1 माह बाद भी गोमियां पुलिस मामला दर्ज करने के बदले टालमटोल की नीति अपना रही है। पुलिस के अनुसार दिनकर द्वारा थाना में दिए गए आवेदन में वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज नहीं है।
सवाल यह पैदा होता है कि जब जख्मी व्यक्ति ही वाहन नंबर देखने की जहमत उठाता हो तो उक्त परिस्थिति में घटना में शामिल वाहन की मदद से गोमियां पुलिस द्वारा पीड़ित को अस्पताल (Hospital) भेजा गया।
इस दौरान पुलिस द्वारा उक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं लिया गया? ऐसे में पुलिस के कार्य प्रणाली पर संदेश जाता है। यह संदेह और भी पुख्ता होता है जब पुलिस द्वारा अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया है।
इसलिए संबंध में स्थानीय थाना से संपर्क करने पर थाने में तैनात पुलिस कर्मी द्वारा वाहन मालिक का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया गया। साथ ही कहा गया कि उक्त वाहन मालिक ने पुलिस को रांची में अपना निवास होने की बात कही गयी।
मीडिया कर्मियों द्वारा बीते 6 मई को पुलिस द्वारा उपलब्ध मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर उक्त व्यक्ति ने दुर्घटना की बात स्वीकार करते हुए रांची के बजाय बोकारो जिला मुख्यालय से सटे चास के रामनगर कॉलोनी निवासी होने की बात कही गयी।
साथ हीं कहा गया कि उसके भाई द्वारा घटना के दिन राजरप्पा से लौटने के क्रम में स्वांग डीएवी के समीप दुर्घटना की बात कही गयी। साथ हीं बताया गया कि उसके वाहन से ही घायल व्यक्ति को सीसीएल के कथारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
खास यह कि वाहन मालिक से वार्ता के पश्चात 6 मई की संध्या एक अन्य व्यक्ति ने स्वयं को बैद्यकारो पंचायत का मुखिया ललन सिंह बताते हुए मामले को प्रकाशित नहीं करने की सलाह मीडिया कर्मी को दी।
संदेह होने पर मीडिया कर्मी जब बैद्यकारो जाकर कथित मुखिया से जब मिलना चाहा तब स्थानीय पंचायत के रहिवासियों से ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति ललन सिंह नहीं बल्कि उक्त पंचायत से मुखिया प्रत्याशी का पति ललन राम है। आखिर इस घालमेल का रहस्य क्या है?
365 total views, 1 views today