एस. पी. सक्सेना/बोकारो। अपने आवास से कोयला खदान ड्यूटी आ रहे सीसीएल (CCL) कर्मी जगत रजक की ऑटो दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गयी। मृत्यु का कारण ऑटो (Auto) में कुत्ते का फंसना बताया जाता है।
घटना के बाद मृतक कर्मी के शव को लेकर विभिन्न ट्रेड यूनियन नेताओं ने नियोजन की मांग करते हुए खदान कार्यालय के समीप जमकर बवाल काटा। प्रबंधन को आखिरकार नेताओं के सामने घुटने टेकना पड़ा और मृतक के आश्रित को नियोजन पत्र मिला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र (CCL Kathara area) के जारंगडीह खुली खदान में कार्यरत 55 वर्षीय ईपीएच मजदूर अपने फुसरो स्थित शांति नगर से 20 मार्च की सुबह लगभग सात बजे ऑटो क्रमांक-JHO9Z/8872 से जारंगडीह ड्यूटी (Duty) आ रहा था। उसके साथ चार अन्य सीसीएल कर्मी भी ऑटो पर सवार थे।
इस बीच चार नंबर मोड़ व लोधरबेड़ा के बीच मुख्य सड़क पर अचानक एक कुत्ता ऑटो के नीचे आ गया, जिसके कारण ऑटो दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया।
इस घटना में जगत रजक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ऑटो सवार सीसीएल कर्मी नंदलाल, रामप्रसाद तुरी, विनोद महतो तथा संजय घायल हो गए। जिसमें विनोद महतो की हालात गंभीर बताई जा रही है। जिसे सीसीएल के करगली क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इधर उक्त घटना के बाद मृत रजक के शव को लेकर स्थानीय लोग जारंगडीह खुली खदान परियोजना पहुंचे। इस बीच मृतक के परिजन भी जारंगडीह पहुंचकर विलाप करने लगे। घटना की सूचना पाकर बोकारो जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष सह राकोमसं (डी) के कथारा क्षेत्रीय सचिव वरुण कुमार सिंह, जारंगडीह शाखा अध्यक्ष सतपाल सिंह, आदि।
एटक नेता चंद्रशेखर झा, भमसं नेता राजकुमार मंडल, राकोमसं क्षेत्रीय सचिव सहित कमलेश कुमार गुप्ता, कामोद प्रसाद, संतोष कुमार, बालेश्वर गोप, बालगोविंद मंडल, सचिन कुमार, रामदास केवट, गौतम राम, रामेश्वर कुमार मंडल, अमरनाथ साहा, मोहम्मद सनाउल्लाह, मोहम्मद निजाम, विजय भोई, मनोज पासवान, मुकेश सिंह, अजय रविदास, नंद किशोर, विक्की घासी, बैजनाथ नायक, आदि।
दिलीप कुमार, नेमचंद मंडल सहित दर्जनों यूनियन प्रतिनिधि जारंगडीह खुली खदान कार्यालय पहुंचकर मृतक के आश्रित को तत्काल नियोजन देने की मांग करने लगे। प्रबंधन द्वारा विलंब किए जाने से आक्रोशित मजदूर नेताओं ने वहां जमकर बवाल काटा।
इस दौरान गांधीनगर थाना के सहायक अवर निरीक्षक संदीप कुजूर सदल बल परियोजना कार्यालय पहुंचकर मामले को शांत कराने का प्रयास करते देखे गए। साथ हीं जारंगडीह के परियोजना पदाधिकारी नवल किशोर दुबे, कोलियरी प्रबंधक दुर्गेश कुमार सिन्हा, परियोजना अभियंता अभिजीत कुमार दत्ता, आदि।
वरीय कार्मिक प्रबंधक सुभाष चंद्र पासवान, महाप्रबंधक कार्यालय के उप प्रबंधक कार्मिक गुरु प्रसाद मंडल,सुरक्षा प्रभारी मनोज सुंडी आदि ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया। बावजूद इसके मजदूर नेता तत्काल मृतक के आश्रित को नियोजन देने की मांग करने लगे।
बाद में प्रबंधन को इन यूनियन नेताओं की मांग को मानना पड़ा और मृतक के बड़े पुत्र विजय कुमार को औपबंधिक नियोजन पत्र सौपना पड़ा। इसके बाद मामला शांत हुआ और शव को अंत्य परीक्षण हेतु तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया।
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