रोहतक। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों से रेप केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने 10-10 साल की सजा सुनाई है। बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रोहतक की सुनारिया जेल में लगी अदालत में सोमवार को जस्टिस जगदीप सिंह ने सजा का ऐलान किया। राम रहीम को दोनों सजा अलग-अलग काटनी होगी। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने भी राम रहीम को 20 साल सजा की पुष्टि की है।
कोर्ट ने इसके अलावा दोनों केस में अलग-अलग 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोनों पीड़ितों को 14-14 लाख रुपये दिए जाएंगे। दरअसल राम रहीम दो साध्वियों के साथ बलात्कार का दोषी है। कोर्ट ने दोनों बलात्कार को अलग अलग मानते हुए दोनों केस में 10 -10 साल की सजा सुनायी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
अदालत ने सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों को अपनी दलीलें पेश करने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया था। सजा सुनाए जाने से पहले बाबा राम रहीम की आंखों में आंसू थे और हाथ जोड़कर वह अदालत से रहम की मांग कर रहा था। उसके वकील ने कहा कि राम रहीम समाजसेवी हैं इसलिए उनके साथ नरमी बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राम रहीम ने लोगों की भलाई के लिए काम किया है।
सफाई अभियान और रक्त दान जैसे सामाजिक कार्य किए हैं। उधर सीबीआई ने राम रहीम के लिए अधिकतम सजा यानी की आजीवन कारावास की मांग की थी। जांच एजेंसी की दलील थी कि यह सिर्फ रेप केस नहीं, बल्कि भरोसा तोड़ते हुए लगातार यौन शोषण किए जाने का मामला है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राम रहीम के लिए 10-10 साल कारावास की सजा का ऐलान किया।
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