माले प्रखंड कमिटी की बैठक में लिए गये आंदोलन का निर्णय

निजी क्षेत्रों को आरक्षण के बिना दलित, गरीब, पिछड़ों का विकास असंभव-धीरेन्द्र

अन्नदाता को नजरअंदाज नहीं करे प्रशासन-सुरेन्द्र

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। निजी क्षेत्रों को आरक्षण के दायरे में लाए बिना दलित- गरीब- पीछड़ों का विकास असंभव है।

जाति आधारित जनगणना करने, निजी क्षेत्र में आरक्षण का विस्तार करने, मोदी सरकार की देश बेचने की मुहिम और किसान विरोधी कॉरपोरेट पक्षीय कृषि कानून की वापसी को लेकर भाकपा माले योजनाबद्ध तरीके से महागठबंधन के साथ मिलकर संघर्ष को तेज करेगी।

इसके तहत आगामी 25 सितंबर का भारत बंद ऐतिहासिक होगा। इसमें लाखों- लाख लोग सड़क पर उतरकर केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार की मुखालिफत करेंगे।

उक्त बातें समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में ताजपुर नगर परिषद क्षेत्र के दरगाह रोड में बीते 31 अगस्त को देर शाम तक चली भाकपा माले ताजपुर प्रखंड कमिटी की विस्तारित बैठक को बतौर अतिथि संबोधित करते हुए भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी कॉमरेड धीरेन्द्र झा ने कही।

बैठक की अध्यक्षता प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया, जबकि बतौर पर्यवेक्षक जिला सचिव प्रो उमेश कुमार उपस्थित थे।

इस अवसर पर ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, बासुदेव राय, प्रभात रंजन गुप्ता, आशिफ होदा, मो. अबु बकर, नौशाद तौहीदी, मो. एजाज़, अरशद कमाल बबलू, सोनिया देवी, अनीता देवी, नीलम देवी, मनोज कुमार सिंह, मो. मसीउल हक, जीतेंद्र सहनी, हरेंद्र सिंह, मुंशी लाल राय, संजीव राय आदि ने बैठक में उपस्थित होकर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

बैठक में कहा गया कि अतिवृष्टि से खेतों में जल जमाव के कारण किसानों के फसल बर्बाद हो जाने के बाद भी कृषि पदाधिकारी द्वारा शून्य क्षति रिपोर्ट भेजने का विरोध करते हुए संपूर्ण फसल क्षति का रिपोर्ट भेजकर मुआवजे के बंद रास्ते को खोलवाने को लेकर आगामी 13 सितंबर को मालगोदाम चौक से जुलूस निकालकर समाहरणालय पर किसानों के प्रदर्शन में बड़ी भागीदारी दिलाकर सफल बनाने की अपील जिला सचिव प्रोफेसर उमेश कुमार ने किसान- मजदूरों से की।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में माले प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि भाकपा माले पार्टी-संगठन को मजबूत कर भय, भूख और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन तेज करेगी।

उन्होंने कहा कि गव्य विकास योजना, मातृ वंदना, मनरेगा, आवास, सड़क, नाला, भवन निर्माण, राशन आपूर्ति, पेंशन आदि योजनाओं में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी एक बार ताजपुर आते हैं, करोड़ों रूपये लूटकर ही अन्यत्र जाते हैं।

इसे उन्होंने प्रखंड के जनप्रतिनिधि, दलाल, विचौलिया एवं अधिकारियों के मिलीभगत का परिणाम बताते हुए इस तिकड़ी को तोड़ने को पंचायत चुनाव में पंसस, मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य आदि के पद पर आंदोलन के नेताओं, कार्यकर्ताओं को उतारने की घोषणा की।

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