सदगुरु सदाफल देव की 134वीं जन्म-जयंती मनी

विंहगम   योग के पुरुष, महिला शिष्या काफी संख्या में जुटे

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। पेटरवार प्रखंड (Petarvar block) के हद में अंगवाली ग्राम के पहाड़ी पर स्थित मंदिर में 26 अगस्त को विहंगम योग के प्रणेता सदगुरु सदाफल देव जी महराज की 134वीं जन्म-जयंती सादगी पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर विहंगम योग संत समाज के पुरुष, महिला शिष्या काफी संख्या में उपस्थित थे।

जन्म जयंती के अवसर पर सर्वप्रथम गुरु वंदना, स्वागत गान, पुष्प-अर्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। यहां विहंगम योग मंदिर परिसर में ‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजारोहण सामूहिक रूप से किया गया। तदोपरांत गुरु गोष्टी का आयोजन किया गया।

गुरु गोष्ठी में मुख्य रूप से उपस्थित विहंगम योग के जिला प्रधान संयोजक नीलकंठ रविदास एवं आश्रम प्रभारी सह उपदेष्ठा शिवचंद यादव ने कहा कि सदगुरु ब्रह्मविद्या ज्ञान के प्रचारक हैं, जो ब्रह्म से उत्पन्न विद्या है। वक्ताओं ने कहा कि इस विद्या की प्राप्ति के लिए ब्रह्मनिष्ठ सदगुरु की खोज जरूरी है।

सदगुरु चेतन विज्ञान के प्रचारक हैं। वो कहते हैं ‘चेतन, चेतन सी योग कहलाता है, जो मन के माध्यम से अगाध प्रेम उत्पन्न होता है और हम सभी मन के आधार से संसार की मोह, माया में फंसे हुये है। इससे मुक्ति पाने के लिये ही सदगुरु की शरणागत आवश्यक है।

उपदेष्टा पंचानन साव ने कहा कि साधकों के मन में गुरु के प्रति आस्था का बीज बोकर उसे आत्मदर्शी बनाना एवं जीवन मरण तक की यात्रा से मुक्ति दिलाने का काम सदगुरु ही करते हैं। शांति प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। यहां खिचड़ी महाप्रसाद सबों ने ग्रहण किया।

मौके पर गुरू भाई नरेश मिश्रा, खिरोधर गोप, कमल नायक, गंगा साव, गोपाल दत्त, बलभद्र नायक, रामटहल रजवार, भरत मिस्त्री, उमाशंकर साव, बैजनाथ साव, सूदन मिश्रा, शेखर जयसवाल, विनोद नायक सहित काफी संख्या में महिला शिष्या उपस्थित थीं, जो समीपस्थ गांव से आई थीं।

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