मेरे सपनों का बिहार परिचर्चा का विधान सभाध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने किया उद्घघाटन

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किया पत्रकारों को सम्मानित

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना स्थित होटल मौर्या के कौटिल्या हॉल में 19 अप्रैल को मदरलैंड वॉइस द्वारा परिचर्चा आयोजित किया जा रहा हैं। आयोजित परिचर्चा मेरे सपनों का बिहार के प्रथम सत्र का उद्घाटन बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने तथा दूसरे सत्र का उद्घघाटन बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर सभी आगत अतिथियों एवं पत्रकारों को प्रतीक चिह्न, पुष्प – गुच्छ एवं अंग -वस्त्र से सम्मानित किया गया।

मौके पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि बिहार में आज प्रतिभा की कमी नहीं। प्रत्येक क्षेत्र में आज बिहार विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि बिहार का अतीत और वर्तमान समृद्धशाली रहा है। उन्होंने बिहार में पिछले बीस वर्षों में हुए विकास कार्यों की सराहना की।

यादव ने कहा कि सड़कों और पुलों के विकास ने बिहार की प्रगति की गति को और तेज किया है। उनके अनुसार अच्छी बुनियादी ढांचे का निर्माण राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण कारक है। परिचर्चा के प्रथम सत्र एवं द्वितीय सत्र का संचालन मधुलिका पांडेय ने किया।

बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने परिचर्चा में अपने बेबाक विचारों से प्रभावित किया। बिना लाग लपेट उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, सहयोग एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकसित हो रहे बिहार की जानकारी देते हुए कहा कि मेरे सपनों का बिहार आज साकार हो रहा है। उन्होंने मौलिक कर्तव्यों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।

यह हमारे विकास और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए आवश्यक है। इस तरह के आयोजन के लिए उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय को साधुवाद दी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मेरे सपनों का बिहार आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के मुख्यमंत्री के प्रयास से लगातार विकसित हो रहा है। उन्होंने बिहार की पर्यटन और तीर्थाटन में अपार संभावनाओं की बात की।

उनका मानना है कि यदि बिहार अपने सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य का सही उपयोग कर सके, तो यह विकास की एक नयी दिशा में अग्रसर हो सकता है। उन्होंने बिहार मे कपड़ा (टेक्सटाइल) उद्योग में अपार संभावनाएं होने की बात कही।

बिहार को करना होगा जाति आधारित राजनीति के दंश से मुक्त-अश्विनी चौबे

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने परिचर्चा में कहा कि बिहार के विकास में जातिवाद सबसे बड़ी बाधा है। आज बिहार के नौजवान यह संकल्प ले कि जाति के नाम पर वोट मांगने वाले पार्टियों एवं उम्मीदवारों को वोट न दें। अगर ऐसा हो गया तो मेरे सपनों का बिहार का सपना साकार हो सकेगा। उन्होंने जातिवाद के मुद्दे पर कहा कि बिहार को जाति आधारित राजनीति के दंश से मुक्त होना होगा। उन्होंने राजनीतिक तौर पर जाति की बात करने वालों के बहिष्कार की अपील की, जिससे एक सशक्त समाज का निर्माण हो सके।

आरम्भ में राजेश आर्या ने स्वागत भाषण किया। मदर लैंड वॉइस के संजय उपाध्याय ने कहा कि परिचर्चा का विषय मेरे सपनों का बिहार भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के विचारों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि बिहार के ह्यूमन रिसोर्सेज आज दूसरी जगह जाकर बहुत अच्छा कर रहा है। भारत के प्रधानमंत्री का विजन 2047 पर बिहार निरंतर आगे बढ़ रहा है। मेरे सपनों का बिहार यानी विकसित बिहार।

अभी भी दिल्ली आदि में चौक – चौराहों पर लेबर देखेंगे तो उसमें 90 फीसदी बिहार के ही दिखते हैं। अगर उन्हें यहीं पर काम मिल जाए तो बाहर जाने की जरुरत नहीं। आज देश ही नहीं विदेशों में भी बिहारी अग्रणी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे हैं। उन्होंने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिस दिन शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, उस दिन का स्वप्न मैंने देखा है। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और कहा कि यह कार्यक्रम देश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे।

संपूर्ण कार्यक्रम ने बिहार के भविष्य की संभावनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया और उपस्थित सभी गणमान्य जनों ने मिलकर बिहार के विकास के लिए नई योजनाओं और पहल पर चर्चा की। परिचर्चा में टी एन सिंह, संजय सिंह, प्रमोद सिंह, विश्वनाथ सिंह, आशीष रंजन, पत्रकार रंजन भारती, गोपाल शरण सिंह, पत्रकार प्रवीण बागी, डॉक्टर सतीश, राकेश कुमार सिंह,भोलेनाथ आदि ने भाग लिया।

पटना विश्वविद्यालय की संस्कृत विभाग की छात्रा उपासना आर्या ने संस्कृत में मेरे सपनों का बिहार परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त किए। परिचर्चा के दौरान पत्रकार अभय कुमार सिंह, शंकर सिंह, मनीष कुमार, विपिन कुमार सिंह, संजीत कुमार की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में सम्मानित पत्रकारों में रजनीश कुमार, राकेश कुमार सिंह, डॉ दिनानाथ साहनी, वरिष्ठ पत्रकार भोला नाथ, विनय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर संग्राम सिंह, जगत प्रहरी के सारण जिला प्रभारी अवध किशोर शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ सिंह भी सम्मानित किए गए।

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