रैयतों को पूर्व में हीं दी जा चुकी है नौकरी-सीओ
राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के खासमहल परियोजना फेस टू में 11 फरवरी को सीसीएल प्रबंधन एवं प्रशासनिक पदाधिकारी बरवाबेड़ा गांव को पुनर्वासित करने को लेकर जमीन मापी करने पहुंचे। बताया जाता है कि इसे लेकर गोविंदपुर के रैयत विस्थापित इसका जमकर विरोध करने लगे। परंतु विस्थापितों के विरोध के बावजूद अधिकारी विस्थापितों का एक न सुने और जमीन मापी जारी रखा।
यहां सीसीएल प्रबंधन की ओर से बेरमो जे अंचलाधिकारी संजीत कुमार सिंह एवं बोकारो थर्मल थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर शैलेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था। यहां सीसीएल प्रबंधन बरवाबेड़ा गांव के ग्रामीणों को बोकारो थर्मल फेस टू कॉलोनी में पुनर्वासित करवा रही है, जिसका गोबिंदपुर के विस्थापित विरोध कर रहे हैं।
इस अवसर पर जिप सदस्य शहजादी बानो एवं विस्थापित नेता जितेंद्र यादव ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन वर्ष 1978 में लगभग 168 एकड़ जमीन गोविंदपुर के रैयतों से अधिग्रहण किया था। जमीन के बदले 84 प्रभावित रहिवासियो को नौकरी देने पर सहमति बनी थी, परंतु सिर्फ 63 रहिवासी को ही नौकरी दिया गया है। शेष 21 अभी भी नौकरी मिलने का आस लगाए हुए है।
इस संबंध में बेरमो के अंचलाधिकारी संजीत कुमार सिंह ने कहा कि यहां के जमीन के बदले सभी रैयतों को नौकरी सीसीएल प्रबंधन द्वारा दी जा चुकी है। किसी भी रैयत का कुछ बाकी है तो साक्ष्य प्रस्तुत करे। अनावश्यक विरोध बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यहां एकेकेओसीपी के परियोजना पदाधिकारी सह महाप्रबंधक खनन के. एस गैवाल, डिग्री कॉलेज के शिक्षक दशरथ महतो, महिला नेत्री रौशन आरा, बीएन महतो, नरेश महतो सहित बोकारो थर्मल थाना के एएसआई एके मेहता, पेक थाना की पुलिस व् सीसीएल सुरक्षा गार्ड भी भारी संख्या में उपस्थित थे।
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