नेपाल सरकार ने दी स्वीकृति
एस.पी.सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) के सकारात्मक पहल ने असर दिखाया। प्रवासी मजदूरों को लेकर संवेदनशीलता के साथ सरकार ने पूर्व में भी कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर सरकार ने नेपाल में काम करने वाले 26 प्रवासी मजदूरों की सकुशल वापसी की दिशा में तीव्र गति से एक्शन लिया है। इस संबंध में नेपाल सरकार के सक्षम पदाधिकारियों से राज्य सरकार ने बात की। जिसके बाद नेपाल में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों की 22 मई वापसी संभव होने जा रही है।
ज्ञात हो कि नेपाल (Nepal) इन मजदूरों ने सरकार से वतन वापस आने की इच्छा जताई थी। मजदूरों ने कहा था कि वह वापस आना चाहते हैं, लेकिन आने के कोई संसाधन नहीं मिल रहे हैं। राज्य सरकार ने इस दिशा में तत्परता के साथ कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार दुमका जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों को वापस लाने हेतु 21 मई को वाहन को नेपाल भेजा गया। बस की रवानगी से पूर्व ही नेपाल सरकार की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। नेपाल से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों की दुमका के इंडोर स्टेडियम में लाया जाएगा। जहां इनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी फिर उन्हें उनके गंतव्य तक भेज दिया जाएगा।
बताया जाता है कि दुमका जिले के हद में रामगढ़ प्रखंड के 26 प्रवासी मजदूर नेपाल के ग्राम गैरीगाँव, नगरपालिका बारहविषे, जिला सिंघुपाल चौक, अंचल बागमती में फंसे हुए थे। प्रवासी मजदूरों ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से उन्हें वापस ले जाने की व्यवस्था करने की अपील की थी। इसकी सूचना विभिन्न माध्यमों से जिला उपायुक्त राजेश्वरी बी को प्राप्त हुई। उन्होंने तुरंत उक्त बातों पर संज्ञान लेते हुए नेपाल के विराटनगर की सीमा से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बस भेजने का निर्देश दिया। उपायुक्त के निर्देश पर प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बस 21 मई को इंडोर स्टेडियम से भेजा गया।साथ ही रास्ते में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो इसे ध्यान रखते हुए दंडाधिकारी के रूप में लघु सिचाई प्रमंडल के कनीय अभियंता राकेश कुमार तथा सिंचाई प्रमंडल के कनीय अभियंता अनुप कुमार वर्मा को प्रतिनियुक्त किया गया है।
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