नारायणी नदी में अवभृत स्नान के साथ यज्ञ संपन्न

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने की यज्ञ मंडप की परिक्रमा

अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। सारण जिला के हद में सोनपुर के हरिहरक्षेत्र तीर्थ के प्रसिद्ध श्रीगजेंद्र मोक्ष देवस्थानम दिव्यदेश यज्ञशाला में छह दिनों से चल रहे 24वें ब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण यज्ञ के अंतिम दिन 5 फरवरी माघ पूर्णिमा के अवसर पर पूर्णाहुति में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।

पिछले छह दिनों से चले आ रहे यज्ञ का समापन भगवान श्रीगजेन्द्र मोक्ष एवं श्रीदेवी, भूदेवी के नारायणी नदी में अवभृत स्नान के बाद हजारों श्रद्धालुओं के जयघोष के साथ शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। यज्ञ ध्वजावरोहण में भी भक्तों की भीड़ जुटी रही। यज्ञ वेदी की परिक्रमा भी हो रही थी। यज्ञ की समाप्ति के बाद ब्राह्मण भोज के साथ ही महा भण्डारा आरंभ हो गया।

श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्यदेश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य के नेतृत्व में भगवान श्रीगजेन्द्र मोक्ष श्रीबालाजी वेंकटेश, श्रीदेवी एवं भूदेवी के साथ श्रीगजेंद्र मोक्ष घाट पर पहुंचे। पवित्र नारायणी नदी के घाट तक उनकी यात्रा पथ में मंत्रों व मंगल वाद्यों की ध्वनि गुंजायमान हो रही थी।

भगवान के अवभृत स्नान यात्रा में बड़ी संख्या संत, संयासी, पुजारी एवं वेदपाठी ब्राह्मणों ने भी भाग लिया। पवित्र नारायणी में श्रीबालाजी ने देवियों संग अवभृत स्नान किया। इस स्नान को चक्र स्नान भी कहते हैं।स्नान के उपरांत भगवान मंदिर पहुंचे। इस प्रक्रिया के बाद ब्रह्मोत्सव के पूर्व जिन देवताओं तथा ऋषि-मुनियों को आह्वान किया गया था उन्हें आचार्यों द्वारा अगले ब्रह्मोत्सव में पुनः पधारने के लिए उनसे प्रार्थना की गई।

इस दौरान ब्रह्मोत्सव के प्रारंभ में जिस ध्वज को मंदिर के प्रांगण में स्थापित किया गया था उसका वैदिक रस्मों के साथ ध्वजावरोहण किया गया। इस मौके पर गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्यदेश पीठाधीश्वर स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने सोनपुर नगर सहित सूबे के सभी भक्तों को यज्ञ में समर्पित भागीदारी एवं समर्पण भाव रखने के लिए साधुवाद दिया।

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