मेमोरियल लाइब्रेरी द्वारा किया गया लेखक सुरेंद्र मानपुरी को सम्मानित

अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर नगर के स्थानीय सिनेमा रोड में बाबू शिवजी राय मेमोरियल लाइब्रेरी सभाकक्ष में 13 फरवरी को समारोह का आयोजन किया गया। आयोजित समारोह में लाइब्रेरी द्वारा बिहार के चर्चित लेखक सुरेंद्र मानपुरी को साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में उनके लेखन एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

सारण जिला के हद में सोनपुर नगर पंचायत के मानपुर गांव निवासी मानपुरी की पुस्तकें क्राइम एंड पनिशमेंट, भीड़ हिंसा, इस तरह कहानी बनती है, हरिहर क्षेत्र, इक्कीसवीं शताब्दी और हरिवंश नारायण की कहानियां काफी चर्चित रही हैं।

आयोजित समारोह में सेवानिवृत्त प्राध्यापक शिवबालक राय ‘प्रभाकर’ की अध्यक्षता और साहित्य सचिव मेदिनी कुमार ‘मेनन’ के संचालन में उनकी रचना संसार पर चर्चा हुई। इस अवसर पर निर्माण रंगमंच के निदेशक क्षितिज प्रकाश ने कहा कि आज सिर्फ अध्ययन और शब्द रचना ही नही एक मजबूत जीवट की भी ज़रूरत होती है यथार्थ लिखने के लिए।

जो जीवट मानपुरीजी के पुस्तकों में है वह अन्यत्र मुश्किल है। डॉ महेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि मानपुरी की पुस्तक भीड़ हिंसा आज के समाज के चेहरे को बेनकाब कर देता है। साहित्यकार नंदेश्वर प्रसाद सिंह ने उनकी पुस्तक हरिवंश नारायण की कहानियां जो कि समीक्षा पुस्तक है की चर्चा करते हुए कहा कि कवि की कविताई को समय के मूल्य पर आंकना एक सामाजिक और वैज्ञानिक दोनों कार्य है।

जिसे उत्कृष्टता से लेखक मानपुरी द्वारा पूरा किया गया। लक्ष्य संस्था के संस्थापक हरि मुकुट ने उनकी पुस्तक हरिहरक्षेत्र, कवयित्री विवेका चौधरी ने पुस्तक ‘इस तरह कहानी बनती है पर अपने-अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में सुरेंद्र मानपुरी ने कहा कि कोई भी सम्मान ईमानदार काम करने के लिए प्रेरणा देता रहता है। वे जीवन के अंतिम साथ तक लिखना- पढ़ना ही पसंद करेंगे। मानपुरी ने मेमोरियल लाइब्रेरी के छात्र सुरभि शंकर, रिया कुमार, दामिनी कुमारी, सूरज कुमार, अवनि कुमार के सवालों का जबाब दिया और कहा कि जीवन का सफल होना जितना मायने रखता है उससे अधिक सार्थक होना।

संस्थापक प्रो. कुमार वीर भूषण ने कहा कि सुरेंद्र मानपुरी सिर्फ लेखक ही नही, अपने समय के सूत्रधार भी हैं। कई वैचारिक आंदोलनों के शिल्पी भी रहे हैं। उनकी सभी पुस्तकें पत्रकारिता और समाज विज्ञान के छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रही है। धन्यवाद ज्ञापन अंजू चौबे ने किया।

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