जेआरएफआरवाई पर समाहरणालय में कार्यशाला का आयोजन

युद्ध स्तर पर करें भूमि-फसल का सत्यापन कार्य-उपायुक्त

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। समाहरणालय स्थित सभागार में 4 नवंबर को जिला सहकारिता विभाग द्वारा झारखंड राज्य फसल राहत योजना (जेआरएफआरवाई) को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

मौके पर बोकारो जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी, उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री, अपर समाहर्ता मेनका, अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो शैलेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी स्वेता गुड़िया, जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिर्की, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी प्रकाश पांडेय आदि उपस्थित थे।

जानकारी के अनुसार कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि झारखंड राज्य फसल राहत योजना (जेआरएफआरवाई) राज्य सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। कई स्तरों पर उनके भूमि का सत्यापन होना है। वहीं, ऑनलाइन एप के माध्यम से फसलों का सत्यापन होना है।

कहा कि योजना का लाभ किसानों तक पहुंचें, इसके लिए यह जरूरी प्रक्रिया है। ऐसे में उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों/कर्मियों को योजनाबद्ध तरीके से युद्ध स्तर पर भूमि/फसल का सत्यापन कार्य करने को कहा। उन्होंने अब तक प्राप्त आवेदनों का एक सप्ताह में शत प्रतिशत सत्यापन कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।

उपायुक्त चौधरी ने जिला सहकारिता, कृषि एवं राजस्व विभाग को आपस में समन्वय बनाकर लक्ष्य अनुरूप प्रदर्शन करने को कहा। उन्होंने जेआरएफआरवाई के तहत अब तक प्राप्त आवेदन एवं जिले में निबंधित किसानों की संख्या की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिया। ज्ञात हो कि, बोकारो जिले में लगभग 1,36,907 किसान निबंधित है।

मौके पर उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री ने जेआरएफआरवाई की कार्यशाला प्रखंड स्तर पर आयोजित करने एवं संबंधित सभी पंचायत स्तरीय कर्मियों/प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर गति देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आगामी 30 नवंबर तक जेआरएफआरवाई के तहत जो किसान निबंधन करा सकते हैं, इस योजना के तहत उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की बात कही।

इससे पूर्व उपस्थित स्टेट रिसोर्स पर्सन ने जेआरएफआरवाई के संबंध में विस्तार से उपस्थित जनों को बताया। बताया कि जेआरएफआऱवाई ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भूमि का सत्यापन हलका कर्मचारी, अंचल निरीक्षक, अंचल अधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों द्वारा कैसे किया जाएगा।

वहीं जेआरएफआरवाई मोबाइल एप के माध्यम से कैसे फसल का भौतिक सत्यापन होना है, इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मौके पर सभी अंचलों के अंचलाधिकारी, प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, विभिन्न प्रखंडों के पैक्स समिति अध्यक्ष, सचिव, एटीएम, बीटीएम आदि उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि झारखंड राज्य फसल राहत योजना (जेआरएफआरवाई) फसल बीमा योजना न होकर फसल क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जानेवाली एक क्षतिपूर्ति योजना है। यह किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में सुरक्षा कवच प्रदान करने तथा एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान करने के संकल्प को पूरा करता है।

यह योजना भूःस्वामी तथा भूमिहीन किसान दोनों को आच्छादित करता है। किसानों को इस योजना के तहत किसी भी प्रकार के फसल बीमा प्रीमियम भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी तथा उन्हें सीधे तौर पर सरकार द्वारा फसल क्षति की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।

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