ओलावृष्टि से किसानो का फसल बर्बाद, मुआवजा दे विभाग -विजय शंकर नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची व् उसके आसपास के जिलों में हुई ओलावृष्टि से किसानो के लाखो एकड़ खेतो में लगे फसल बर्बाद हो गया है। फसल की बर्बादी एवं गरीबो के घरो का हुए नुकसान का मुआवजा कृषि एवं आपदा विभाग यथासीघ्र दे।

उपरोक्त बातें 15 फरवरी को संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रभारी झारखंड व् छत्तीसगढ़ विजय शंकर नायक ने कही। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी को झारखंड के विभिन्न जिलों में भारी ओलावृष्टि ने तबाही मचाई है। बारिश के साथ ओला गिरने से जहां किसानों के लाखों एकड़ खेतों में लगी सब्जियां एवं फसलों की बर्बादी हुई है, वहीं दूसरी ओर गरीब गुरबा के हजारों खपरैल घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

नायक ने कहा कि भारी ओलावृष्टि से राज्य के विभिन्न जिलों में हजारों हजार खपरैल घर तबाह हो गए हैं। वहीं गेहूं और सब्जियों की खेती नष्ट हो गई है। आसमान से 100 से 250 ग्राम तक के ओला लगातार गिरने से देखते ही देखते घरो और खेतों में तबाही मच गई। रहिवासियों के घरों के आंगन में एक-एक फीट तक ओला जमा हो गए थे। राजधानी रांची जिले के साथ-साथ विभिन्न प्रमंडलो में भी कई स्थान पर भयंकर ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि का असर राज्य के लगभग सभी जिलों में रहा है।

नायक ने कहा कि राज्य के किसानों एवं गरीब गुरबा के घरों में भारी तबाही होने से राज्य के किसानों एवं गरीबो के सामने विकट आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे मे राज्य सरकार का नैतिक कर्तव्य बनता है कि राज्य के किसानों और गरीबो के दुखों में खड़ा हो और उन्हें प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई करते हुए मुआवजा देने को लेकर सभी जिला उपायुक्तों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन निर्देश जारी करें।

नायक ने कहा कि सर्वप्रथम राज्य में ओलावृष्टि से हुए नुकसानों का आकलन कराया जाए। उसके बाद कृषि विभाग एवं आपदा विभाग द्वारा मुआवजा दिलाया जाए, ताकि पीड़ितों व् जरूरतमंदो का भला हो सके।

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