विधि विधान से किया गया वट महापर्व सावित्री पूजा

उपवासना कर सुहागिन महिलाओं ने किया पति के दीर्घायु की कामना

धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। हजारीबाग जिला (Hazaribag district) के हद में विष्णुगढ़ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में 30 मई को वट सावित्री महापर्व जेष्ठ शुक्ल पक्ष की सोमवती अमावस्या के अवसर पर किया गया।

इस अवसर पर विष्णुगढ़ प्रखंड (Vishnugarh block) के हद में गाल्होवार बरबडा चौक में सोलह श्रृंगार कर सुहागिन महिलाओं ने उपवास रखकर वट बरगद वृक्षो के समीप सती सावित्री की पूजा अर्चना की। साथ ही अपने पति के लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए गांव ग्राम की सुख, शांति, समृद्धि के लिए मंगल कामनाएं की।

मौके पर सुहागीनों ने बरगद वृक्ष को जल से जलाभिषेक कर लाल वस्त्र और कच्चे धागे लपटते हुए बारह बार परिक्रमा कर जल, हल्दी, रोड़ी, घी, अच्छत, धूप-दीप, बेल पत्र, फल-फुल, श्रृंगार सेट, बास का पंखा, भींगा चना इत्यादि चढ़ावा चढ़ाए। बरगद वृक्ष पूजा स्थान में पुजारी संजीत मिश्र, सुरज पाठक, चूड़ामणि पांडेय, राम लखन पांडेय, प्रशांत मिश्र, अर्जुन मिश्र, राजेंद्र मिश्र मौजूद थे।

इस अवसर पर पुजारी सूरज पाठक ने पारंपारिक विधिवत मंत्रोंच्चारण कर पूजा अर्चना कर कहा कि वट वृक्ष की छांव में ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन देवी सावित्री ने अपने पति को सत्यवान के प्राण यमराज से प्राप्त कर उन्हें पुनः जीवित किया था। तभी से इस दिन हर वर्ष वट वृक्ष की पूजा की जाती है।

उन्होंने कहा कि हिंदू पुराण में बरगद के वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्रह्मा वृक्ष की जड़ में, विष्णु इसके तने में और शिव ऊपरी भाग में वास करते हैं। इस वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

लंबी आयु सुख, समृद्धि और अखंड सौभाग्य का फल की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार वट सावित्री पूजा हर साल कृष्ण पक्ष की ज्येष्ठ अमावस्या को ही किया जाता है।

इस अवसर पर मिनता देवी, शालिनी कुमारी, अंजना बरनवाल, प्रीति राज, रानी देवी, प्रीति देवी, अंजू देवी, सनीचर्या देवी, स्वीटी देवी, संध्या कुमारी इत्यादि भारी संख्या में सुहागिन महिलाएं उपस्थित थे।

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