भारत वंदना घाट पर दो जांबाज नाविकों को किया गया सम्मानित

हरिहरक्षेत्र जनजागरण मंच के आयोजन को देखने को लगी भारी भीड़

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर स्थित नारायणी नदी भारत वन्दना घाट पर 15 अक्टूबर को हरिहरक्षेत्र जनजागरण मंच द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जनजागरण मंच द्वारा शुरू किए गए लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक सप्ताहिक सम्मान समारोह में दो नाविकों बलराम सहनी एवं सुखदेव सहनी को उनके साहसिक और प्रशंसनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

विदित हो कि, बीते 11 अक्टूबर को आत्महत्या के नियत से सोनपुर और हाजीपुर के बीच बने रेल पुल से उफनती गंडक नदी में दो वर्ष की बच्ची के साथ कूदने वाली औरत को अपनी जान पर खेलकर दोनों नाविकों ने बचा लिया था। भारत वंदना घाट पर सम्मान समारोह के अवसर पर सैकड़ों रहिवासी उपस्थित होकर इस सम्मान समारोह के साक्षी बने।

जानकारी के अनुसार नियत समय पर मंच के महासचिव अमरनाथ तिवारी ने ससम्मान दोनो अतिथियों को आसन पर बैठाया। मंच के संस्थापक अनिल कुमार सिंह ने मंच के स्थापना का उद्देश्य, प्रतिदिन प्रातः मंच द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों जैसे घाटों की साफ-सफाई, भारत वंदना कार्यक्रम,सप्ताहिक सम्मान समारोह आदि से दोनों अतिथियों का संक्षिप्त परिचय करवाया।

उसके बाद वहां उपस्थित क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों, मंच के संरक्षकों, पदाधिकारियों, सदस्यों आदि ने माला पहनाकर एवं संयुक्त रूप से अंग वस्त्र ओढ़ा कर उनका सम्मान किया। प्रतिदिन की भांति दोनों अतिथियों की उपस्थिति में राष्ट्र-गान संपन्न किया गया। राष्ट्र-गान के सम्मान में बजने वाली तालियों की गड़गड़ाहट नदी की बहती धारा से टकड़ा कर वातावरण को नादमय कर रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कुछ समय के लिए नारायणी मैया इस दृश्य को देखने के लिए ठीठक सी गई हो।

इस अवसर पर मंच के संरक्षक विलायत हुसैन, अधिवक्ता विश्वनाथ सिंह एवं कृष्णकांत सिंह, मंच द्वारा पूर्व में सम्मानित तथा अवकाश प्राप्त शिक्षक मदन प्रसाद गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य रामरीत राय एवं राजाराम सहनी आदि ने अपने अपने उद्गार व्यक्त किये।

अपने संबोधन में विलायत हुसैन ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नदी में डूबते दो दो जीवन को बचाने जैसे साहसिक कार्य के लिए बिहार सरकार से दोनों जांबाजों को पुरस्कृत करने की मांग की।

अधिवक्ता विश्वनाथ सिंह ने कहा कि नारायणी नदी के उस क्षेत्र में जहां कभी गज ग्राह की लड़ाई हुई थी और गज को बचाने भगवान नारायण स्वयं यहां आये थे, के पावन तट पर खड़े होकर प्रातः 05:15 बजे किसी को सम्मानित करने का संभवतः यह अपने देश का इकलौता समारोह होगा।

अवकाश प्राप्त शिक्षक मदन प्रसाद गुप्ता ने कहा कि चाहे सम्मान समारोह हो या प्रतिदिन होने वाला राष्ट्र-गान। एक मिनट की पाठशाला हो या एक मिनट का ठहाका योग। ये सभी एक दिन देश को गौरव महसूस कराने वाले साबित होंगे। ऐसे आयोजनों के लिए रामरीत राय ने हरिहरक्षेत्र जनजागरण मंच की भूरी भूरी प्रसंशा की।

दोनों जाबांजो ने निषाद वंश का नाम किया रौशन-राजा राम सहनी

जल तरंग के मालिक राजा राम सहनी ने दोनों अतिथियों को अपनी जांबाजी से निषाद वंश का मान बढ़ाने के लिए हृदय से आशीर्वाद दिया। इन दोनों ने महिला और उसकी बच्ची की नदी में डूबने से रक्षा की थी। इस अवसर पर सम्मान पानेवाले दोनों अतिथियों ने भावुक होते हुए कहा कि मुझे स्नेह स्वरूप यहां जो सम्मान मिला इसे मैं ताउम्र नहीं भूल सकता। उन्होने इस सम्मान के लिए हरिहर क्षेत्र जनजागरण मंच एवं उपस्थित जनों को साधुवाद दिया।

अन्त में हरिहरक्षेत्र जनजागरण मंच के अध्यक्ष सतीश कुमार प्रसाद साह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आये‌ सभी सम्मानित जनों को साधुवाद दिया। इस अवसर पर मंच के संरक्षक उदय सिंह उर्फ मुन्ना जी, वरिष्ठ सदस्य धर्मनाथ महतो, बिनोद कुमार सिंह, बिनोद बैठा, राजाजी (मुखिया), राजा राम सहनी, उमाशंकर राय, दया शंकर सिंह, अशोक कुमार, नवीन सिंह, आदि।

अवध लाल गुप्ता, रनेश कुमार, राजू कुमार, विन्देश्वर सिंह (भूलावन मास्टर साहब), युगल किशोर साह, बच्चा राय, दिन बन्धु सिंह, हरिनाथ सिंह, कुमारी काजल, आदित्य, आशीष, शनि, सुमित, आयुष, अभिषेक, प्रीति, राधिका, समीक्षा सहित भारी संख्या में रहिवासी उपस्थित थे।

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