नहीं रहे बांध पंचायत के पूर्व मुखिया तुलसी यादव

पूर्व मुखिया के अंत्येष्टि में शामिल हुए सैकड़ों गणमान्य

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जमीं रोयी, आसमां रोया। अपने तो अपने बेगाने भी रो दिए। ऐसे चरित्र के थे बांध पंचायत के पूर्व मुखिया तुलसी यादव। जिनके निधन पर बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग तथा रामगढ़ जिला के सैकड़ों उनको जाननेवाले पहुंचकर नम आंखों से पूर्व मुखिया को विदाई दी।

बांध पंचायत के पूर्व मुखिया तुलसी यादव का निधन बीते 30 जून को चिकित्सक द्वारा जवाब दे दिए जाने के बाद सीएमसी वेल्लोर से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में लौटने के क्रम में निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर बीते 1 जुलाई की संध्या बोकारो जिला के हद में सीसीएल के कथारा क्षेत्रीय अस्पताल के समीप उनके आवास पर पहुंचा। जहां उपस्थित सैकड़ों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

बताया जाता है कि लगातार दो बार (लगभग 12 वर्ष) वे बांध पंचायत के मुखिया थे। बीते एक साल से पूर्व मुखिया तुलसी यादव बीमार चल रहे थे। इस कारण हाल में हुए पंचायत चुनाव में उन्होंने अपना नामांकन नहीं कराया। उनका इलाज रांची के प्रल अस्पताल में चल रहा था। बीते माह जून में तबियत अचानक खराब होने के कारण उन्हें प्रल अस्पताल के चिकित्सक की सलाह पर 5 जून को सीएमसी वेल्लोर ले जाया गया।

यहां जांच में उन्हें लंग्स कैंसर होने का पता चला। बताया जाता है कि कैंसर ने उनके फेफड़े को बुरी तरह ग्रसित कर दिया था, जिसके कारण वहां के चिकित्स्कों ने भी जबाब दे दिया। इसके बाद उन्हें एंबुलेन्स से कथारा लाया जा रहा था, कि रास्ते में बिजयवाड़ा में उनकी मौत हो गयी।

पूर्व मुखिया यादव का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से एक जुलाई की संध्या उनके कथारा क्षेत्रीय अस्पताल के समीप स्थित आवास पहुंचा। खास यह कि उक्त अवसर पर जहां बारिश हो रहा था, वही जमीन भी गीला हो गया।

ऐसा लग रहा था मानो पूर्व मुखिया के निधन पर जमीन अपना आंसू छलका कर नम आंखों से उन्हें विदाई दे रही थी, वही आसमान भी हल्की वर्षा के साथ उन्हें अपने आंसुओं से सराबोर करना चाह रहा था। जबकि उनके परिजन और उनके जानने वाले सैकड़ों लोग आंसू बहा रहे थे।

उनका अंत्येष्टि 2 जुलाई को कथारा वाशरी के समीप दामोदर नदी तट पर किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर उन्हें भावभीनी विदाई दी।

इस अवसर पर गोमियां विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो (Gomiyan MLA Dr Lambodar Mahto), भाजपा (BJP) बोकारो जिलाध्यक्ष भरत यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा हजारीबाग जिलाध्यक्ष सह मुखिया शंभू लाल यादव, बोरिया उत्तरी पंचायत के मुखिया कामेश्वर यादव, दक्षिणी पंचायत के मुखिया घनश्याम प्रसाद, जारंगडीह के पूर्व मुखिया मो. इम्तियाज, आदि।

हजारी पंचायत के मुखिया तारामणि देवी, स्वांग के मुखिया धनंजय सिंह, बांध पंचायत के पंचायत समिति सदस्य चंद्रदेव यादव, बांध पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य गोपाल यादव, समाजसेवी डॉक्टर सर्जन चौधरी, हरिश्चंद्र यादव, रामजी सिंह यादव, मथुरा प्रसाद यादव, बालेश्वर यादव, यादव समाज के अध्यक्ष रामकुमार यादव, सचिव भीम लाल यादव, आदि।

यादव शक्ति समाज के अध्यक्ष मल्लू यादव, खुदगड्डा के अमित यादव, गोमियां निवासी गणपत यादव, कथारा पंचायत के वार्ड सदस्य राजेश कुमार पांडेय, हजारी के वार्ड सदस्य बबलू यादव, नारायण यादव, रामचंद्र यादव, प्रदीप यादव, नागेश्वर यादव, सोहन यादव, मंटू यादव, उमेश यादव, गोविंद यादव, कथारा ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह, सेवा निवृत थाना प्रभारी युधिष्ठिर महतो सहित सैकड़ों गणमान्य शामिल थे।

ज्ञात हो कि पूर्व मुखिया स्व तुलसी यादव अपने पीछे अपनी पत्नी मंजू देवी, पिता राम लाल यादव सहित दो पुत्र और एक पुत्री को पीछे छोड़ गए हैं। पुत्री का विवाह हो चुका है, जबकि उनका बड़ा पुत्र होटल मैनेजमेंट (Hotel management) कर नौकरी कर रहा है।

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