रांची के दलदली में दिवंगत सुभाष मुंडा की श्रद्धांजलि व संकल्प सभा

आदिवासीयों की जमीन की हिफाजत के लिए संघर्षरत थे सुभाष मुंडा-बृंदा करात

लातेहार से अयुब खान समेत सैकड़ो कार्यकर्ता श्रद्धांजलि सभा में हुए शामिल

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची स्थित दलदली चौक (अब सुभाष मुंडा चौक) पर 3 अगस्त को दिवंगत सुभाष मुंडा की स्मृति में श्रद्धांजलि व संकल्प सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि व् संकल्प सभा में भारी संख्या में जुटे गणमान्य जनों ने दिवंगत मुंडा के सपनों को पूरा किए जाने का संकल्प लिया। सभा में सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात सहित लातेहार से आये माकपा नेता अयुब खान के नेतृत्व में सैकड़ो माकपा कार्यकर्त्ता शामिल हुए।

सभा की अध्यक्षता सीपीएम के राज्य कमिटी सदस्य सुरेश मुंडा एवं संचालन रांची जिला सचिव सुखनाथ लोहरा ने किया। सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने कहा कि यह घटना उनके लिए स्तब्ध कर देने वाली है। एक 34 वर्ष का नौजवान जो काफी कम समय में इस इलाके का लोकप्रिय हर दिल अजीज बन गया, क्योंकि वह इस क्षेत्र के आदिवासियों और अन्य गरीबों के हर दु:ख – सुख में तत्परता से खड़ा रहता था।

उन्होंने कहा कि सुभाष मुंडा इस क्षेत्र में जमीन माफियाओं द्वारा आदिवासियों की जमीन हड़पे जाने के खिलाफ बड़ा बाधा बन रहे थे, इसलिए ही वे उनकी आंखों में खटक रहे थे। इस बाधा को हटाने के लिए ही उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द सुभाष मुंडा के हत्यारों को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने की मांग की। माकपा नेत्री करात ने इस हत्याकांड पर मुख्यमंत्री द्वारा कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं किए जाने पर खेद प्रकट किया।

सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि सुभाष की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। आने वाले दिनों में आदिवासियों और दुसरे गरीबों की हड़पी गयी जमीन की वापसी के लिए बड़ा संघर्ष छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सुभाष कम्युनिस्ट आंदोलन में शामिल तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते थे। उनके दादा सुकरा मुंडा जो एक भूतपूर्व सैनिक थे तथा पचास के दशक में इस क्षेत्र में अविभाजित कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में जमीन को बचाने की लड़ाई की थी।

इससे पूर्व सभा की शुरुआत में ही पार्टी के जिला सचिव सुखनाथ लोहरा ने शोक प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद 2 मिनट मौन रखकर दिवंगत मुंडा को श्रद्धांजलि दी गई। सभा को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों और जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।

जिसमें सीपीआई के पूर्व राज्य सचिव केडी सिंह, भाकपा (माले) केंद्रीय कमिटी सदस्य सुभेंदु सेन, आरएसपी के राज्य सचिव गणेश दीवान, झामुमो रांची जिलाध्यक्ष मुस्ताक आलम, कांग्रेस नेता व् पूर्व महापौर अजयनाथ शाहदेव, आप के प्रवक्ता यास्मीन लाल, पद्मश्री मधु मंसूरी, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, आदिवासी जनपरिषद अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, आदि।

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के कुंदरसी मुंडा, आदिवासी सेना सचिव राजेश लिंडा, झारखंड ट्राइबल एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनसा राम लोहरा, रांची जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत, नगड़ी प्रमुख मधुआ कच्छप, बगाईचा के फादर टोनी और फादर टॉम, बौद्ध समाज के जैनेंद्र कुमार भंते, शहीद शेख भिखारी की परपोती शेख इंतेशाम अली, एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष मो. शाकिर, सीटू झारखंड के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह, ऐपवा की राज्य सचिव वीना लिंडा, राजी पड़हा प्रार्थना सभा के मगही उरांव, सिलागाई के पूर्व मुखिया बुधराम उरांव, आदि।

सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानी उरांव, पार्षद झरी लिंडा, रिटायर्ड डीएसपी जयगोविंद सिंह, राजी पहड़ा मुड़मा जगराम उरांव, लातेहार के अयुब खान, सुमन मिश्रा, मनीष कुमार सिंह, रजनीश उरांव, मंगलेश्वर टाना भगत, रातु प्रमुख संगीता देवी, नीमा तिर्की, सुभाष मुंडा की छोटी माता भीखन देवी, माता छोटन देवी, पिता ललित मुंडा, पत्नी कीर्ति सिंह मुंडा, भाई उमेश मुंडा, अमित मुंडा आदि ने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

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