मणिपुर में महिलाओं के साथ दरिंदगी पर आदिवासियों में उबाल

केंद्र की मोदी सरकार ने मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया-अयुब खान

एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। मणिपुर में पिछले तीन माह से जारी हिंसा, दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने व उनके साथ दरिंदगी और घिनौनी हरकत करने के खिलाफ रांची सहित पूरे झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों में भी जबरदस्त गुस्सा है।
मणिपुर घटना के विरोध में 25 जुलाई को लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत में झारखंड राज्य किसान सभा के बैनर तले प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया।

इस अवसर पर ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए झारखंड राज्य किसान सभा के लातेहार जिलाध्यक्ष अयुब खान ने कहा कि मणिपुर में जिस तरह से महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें पूरे समाज में घुमाया जा रहा है। उनकी बेइज्जती की जा रही है यह काफी निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनो से चुप्पी साधे रहना, मणिपुर को जलने देना केंद्र सरकार की नाकामी दिखाती है। उनके चाल और चरित्र को दर्शाता है।

खान ने कहा कि जब भी महिलाओं पर उत्पीड़न की बात आती है, केंद्र सरकार चुप्पी साध लेती है। चाहे वह मणिपुर की महिलाओं के साथ हो, महिला पहलवानों के साथ हो या किसी और महिलाओं के साथ। इनका बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा एक धोखा है।

केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया। केन्द्र सरकार मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेंद्र सिंह की सरकार को अभी के अभी हटाए और वहां शांति व्यवस्था कायम करे। मणिपुर की पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाया जाए अपराधियों को कठोर सजा देने की मांग की गई है।

विरोध कार्यक्रम में अनिल मुंडा, बुधराम बारला, बेने मुंडा, दसवा परहैया, सनीका मुंडा, एतवा मुंडा, बोने मुंडा, गबरेल बरजो, जगवा परहैया, दुखन परहैया, गेंदा मुंडा समेत कई गणमान्य शामिल थे।

 127 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *