शीर्ष माओवादी मिथिलेश दा ने एकबार फिर दिया धोखा, भगोड़ा घोषित

प्रहरी संवाददाता/गोमियां (बोकारो)। शीर्ष माओवादी दुर्योंधन महतो उर्फ मिथिलेश दा उर्फ अवधेश दा ने एकबार फिर संगठन को धोखा दिया है। संगठन द्वारा उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। शीर्ष माओवादी मिथिलेश दा बीते 15 जनवरी को ही गुपचुप तरीके से नक्सली संगठन से स्वयं से अलग करते हुए गायब हो गया है।

इस मामले में भाकपा माओवादी उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी ने विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है कि शीर्ष इनामी माओवादी दुर्योंधन महतो उर्फ मिथिलेश दा उर्फ अवधेश क्रांतिकारी संगठन भाकपा (माओवादी) से गद्दारी करते हुए अपनी पत्नी ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता को लेकर 15 जनवरी की रात 8 बजे भाग गया।

वह पार्टी से नगद ₹ 52 लाख 77 हजार सहित एक टेबलेट, 83 हजार का एक मोबाइल सहित डिजीटल उपकरण ले गया है। पार्टी उसे रीजनल कमेटी के सदस्य से निलंबित करते हुए गद्दार घोषित कर दिया है।

बताया जाता है कि माओवादी मिथिलेश दा उर्फ दुर्योंधन जिलगा सबजोन कमांडर था। उसके जिम्मे उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के अंतगर्त जिलगा सबजोन था। वह 90 के दशक में छात्र संगठन से जुड़कर पार्टी में शामिल हुआ था।

संगठन में समय गुजरने के साथ उसका कद बढ़ता गया। वर्ष 2001 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया। इसी बीच वर्ष 2003 में जब बोकारो एसपी आरके मल्लिक थे तब धनबाद के बाघमारा में बोकारो एसपी के समक्ष गुपचुप तरीके से सरेंडर कर दिया था।

वर्ष 2013 में मिथिलेश दा ने जेल से सजा काटकर निकलने के बाद संगठन से माफीनामा मिलने के बाद पुनाः पार्टी में शामिल हो गया। वर्ष 2018 में उसे पुनः झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया। उसे जिलगा सबजोन का जिम्मा सौंपा गया।

दूसरी बार संगठन में शामिल होने के बाद माओवादी मिथिलेश दा कोई विशेष काम नहीं कर पा रहा था। अपनी जिम्मेवारी छोड़कर वह सिर्फ लेवी वसूली के काम में लगा रहा। सूत्र बताते है कि लेवी का ज्यादातर हिस्सा गुप्त रूप से वह अपने एक निजी रिश्तेदार के पास भेजता रहा। आखिरकार 15 जनवरी को लेवी वसूली का लगभग 53 लाख लेकर पत्नी और डिजीटल उपकरण के साथ फरार हो गया।

पुलिस शरण में है माओवादी मिथिलेश दा

सूत्र बताते है कि मिथिलेश उर्फ दुर्योंधन महतो पुलिस के शरण में है। अपने साथ पत्नी ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता को ले भी गया है। दोनों को पुलिस मुख्यालय रांची में रखा गया है। उसे गोमियां के असनापानी से पुलिस गिरफ्त में लिया गया है। हांलाकि इस मामले में बोकारो पुलिस कुछ भी बताने से साफ इंकार कर रहीं है।

बोकारो में कई बड़े घटनाओं में शामिल रहा था शीर्ष माओवादी मिथिलेश दा

शीर्ष माओवादी मिथिलेश दा उर्फ दुर्योंधन महतो मुलरूप से धनबाद जिला के हद में तोपचांची प्रखंड के गेंदनावाडीह का रहने वाला है। संगठन में काम करने के दौरान बोकारो जिले के अलग-अलग इलाकों में कई बड़े घटनाओं में उसका नाम आता रहा है।

जिसमें वर्ष 1995 में विधानसभा चुनाव के दौरान वोट वहिष्कार के क्रम में कई राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को प्रताड़ित करने के अलावा झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमला, खासमहल में सीआइएसएफ बैंरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना, टिस्कोपी में बारूदी सुरंग बिष्फोट आदि कांड शामिल है।

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