दारू विभाग का असर है इसीलिए पीएचडी वाले को अनपढ कहते है-विधायक

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। राज्य में चारो तरफ लूट मची है। अपराधियों के हौसले बुलंद है। कोयला, बालू के अवैध व्यवसाय से जुड़े सफेदपोश मनमानी पर उतारू है। शब्दों की मर्यादा तार-तार हो गया है। दारू विभाग का असर है इसलिए पीएचडी वाले को अनपढ़ कहा जा रहा है। उक्त बातें 20 अक्टूबर की संध्या गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो ने प्रेस वार्ता में कही।

बोकारो जिला के हद में पेटरवार स्थित विधायक आवास में 20 अक्टूबर की संध्या प्रेस कांफ्रेंस कर गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के एक पूर्व नेता जिनके बारे में जितने संज्ञा और सर्वनाम लगाया जाए वह कम पड़ जाएगा, सरकारी कामों में बेतुका बयान बाजी करते रहते है।

उन्होंने कहा कि जो बात करते है अपनी ईमानदारी की आखिर कौन सी परिस्थिति में उनकी सदस्यता चली गई थी। दूसरे को पाठ पढ़ाने चले है ये ऐसे नेता है। जब तक आजसू पार्टी का नाम नही लेते तब तक इनके पेट मे दर्द होता रहता है। ऐसे मंत्री भी है जो खुद ईडी के जांच के दायरे मे है और दूसरे को आईना दिखाने की बात कर रहे है।

शिक्षा विभाग में 37 करोड़ रूपये का हिसाब तक नहीं। मंत्री जी बताएं की 1932 का खतियान कहां लागू किया गया है? जिसका लाभ उठाना है नावाडीह या चंद्रपुरा में बताये कहां हुआ है। खतियान आधारित नीति कैबिनेट में निर्णय हुआ है, लागू नही हुआ है। अगर मैं अनपढ़ हूं तो मंत्री जी को अपना डिग्री सार्वजनिक करना चाहिए और बताना चाहिए कि वह कितने पढ़े लिखे हैं।

जिस दिन सरकार के एक हजार दिन पूरे हुए उसी दिन ईडी ने चार्जशीट दाखिल किया। डॉ महतो ने कहा कि जितना विकास का काम गोमियां विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है क्षेत्र की दिशा और दशा दोनों बदलेगी। ऐसे नेता है जो धवैया के आदिवासियों की 20 एकड़ जमीन अपने नाम करने में लगे हुए हैं और खुद को आदिवासियों का हितैषी बताते हैं। ऐसे नेता बोरिया बिस्तर समेट लें।

विधायक ने कहा कि 2019 भी मेरा था, आनेवाले 2024 भी मेरा होगा। जो नैतिकता की बात करते हैं अगर नैतिकता है तो खुद ईडी के जांच के दायरे मे है। खुद इस्तीफा क्यो नही देते। दारू विभाग का असर है इसीलिए पीएचडी वाले को अनपढ़ कह रहे हैं।

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