ठेका मजदूरों के वेतन बढ़ोतरी मामले को लेकर संघ के महामंत्री ने आरएलसी से की वार्ता

राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। ठेका मजदूरों के वेतन बढ़ोतरी मामले को लेकर संघ के महामंत्री भरत यादव ने उप मुख्य श्रम आयुक्त (आरएलसी) धनबाद से वार्ता की।

बोकारो जिला के हद में डीवीसी के बोकारो एवं चंद्रपुरा ताप विद्युत केन्द्र में कार्यरत कैंटीन कर्मियों, एएमसी, एआररसी ठेका श्रमिकों, बोकारो थर्मल के आवासीय परिसर का विधुत अनुरक्षण में कार्यरत ठेका श्रमिकों, मैथन में कार्यरत जलापूर्ति के ठेका श्रमिकों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत कैजुअल एवं वानिकी श्रमिकों का वेतन और सुविधा बढ़ोतरी आदि मांग को लेकर डीवीसी ठेका मजदूर संघ के महामंत्री यादव के द्वारा केन्द्रीय उप मुख्य श्रमायुक्त के समक्ष उठाए गए मांग के आलोक में आरएलसी ने अपने कार्यालय में संयुक्त बैठक आहूत किया।

उक्त बैठक में यादव ने श्रमिकों का पक्ष रखते हुए कहा कि, एक ही संस्थान के विभिन्न प्रतिष्ठानों में लंबे समय से स्थाई प्रकृति के कार्य में संलग्न कैजुअल और ठेका श्रमिकों के लिए भिन्न-भिन्न नीति आश्चर्यजनक है। जैसे चंद्रपुरा के कुछ कैंटीन कर्मियों का स्थाईकरण कर दिया गया, लेकिन चंद्रपुरा और बोकारो थर्मल के शेष कैंटीन कर्मियों को मात्र न्युनतम मजदुरी एवं कुछ भत्ता दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि बोकारो थर्मल के आवासीय परिसर का विधुत अनुरक्षण में कार्यरत ठेका श्रमिकों को मात्र न्युनतम मजदुरी दिया जाता है, लेकिन समान प्रतिष्ठान में समान कार्य में कार्यरत सप्लाई मजदूरों के अलावा आवासीय परिसर में कार्यरत नगर सेवा, जलापूर्ति, भवन अनुरक्षण और अस्पताल के सफाई कर्मियों को सप्लाई मजदूरों के समान वेतन एवं सुविधा मिलता है।

बोकारो थर्मल एवं चंद्रपुरा में संचालन एवं संपोषण के कार्य में संलग्न एएमसी और एआरसी के ठेका श्रमिकों को मात्र न्युनतम मजदुरी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि समान स्थान पर समान कार्य करने वाले सप्लाई मजदूरों का वेतन एवं सुविधा त्री पक्षिय समझौता के अनुसार किया जाता है।

मैथन मे जलापूर्ति के श्रमिकों को न्युनतम मजदुरी भी सुनिश्चित नहीं है, लेकिन बोकारो थर्मल में जलापूर्ति के श्रमिकों को सप्लाई मजदूरों के समान वेतन एवं सुविधा मिलता है। भारत सरकार के कार्मिक विभाग वर्ष 2020 में निर्गत समाकेतिक निर्देश का उल्लंघन कर विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत कैजुअल श्रमिकों को मात्र न्युनतम मजदुरी का भुगतान किया जाता है।

विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत वानिकी के श्रमिकों का कुछ वेतन बढ़ोतरी कर बोकारो थर्मल एवं चंद्रपुरा के वानिकी श्रमिकों के बराबर किया गया है। वर्षो से कार्यरत उक्त श्रमिकों को अकुशल श्रेणी में रखना अनुचित है।

यादव ने उपरोक्त सभी श्रमिकों को समान कार्य का समान वेतन देने की मांग की। डीवीसी मुख्यालय से आये डीवीसी के अधिकारियों ने प्रबंधन का पक्ष रखते हुए कहा कि, कैंटीन और कैजुअल श्रमिकों के वेतन बढ़ोतरी पर प्रबंधन विचार कर रही है। कहा कि उपरोक्त सभी मामले पर उप मुख्य श्रमायुक्त के मंतव्य से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।

उप मुख्य श्रमायुक्त आनंद कुमार ने लगभग 4 घंटे तक चली मैराथन बैठक में दोनों पक्षों को गंभीरता से सुना और समान कार्य का समान वेतन की मांग जायज ठहराते हुए कैंटीन, कैजूअल और विधुत अनुरक्षण के श्रमिकों के लिए अंतिम फैसला सुरक्षित रखा। शेष मांग पर प्रबंधन को सकारात्मक कार्रवाई करने का सुझाव देते हुए अगले बैठक में प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश प्रबंधन को दिया गया।

इस अवसर पर प्रबंधन की ओर से सचिन चंपतिया, विनय टूडू, अजय सिंह, रोहित कुमार और डीवीसी ठेका मजदूर संघ के ललन शर्मा, श्यामल बाउरी, कैलाश प्रसाद, मोहन कुमार, मनोज सिंह, शेखर सिंह, रंजन मूर्मू सहित अनेक मजदूर उपस्थित थे।

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