जीरो वेस्ट थीम पर झारखंड में हुई पहली शादी

एस.पी.सक्सेना/रांची (झारखंड)। रांची नगर निगम ने जीरो वेस्ट थीम पर शादी की मुहिम शुरू की है। इस कड़ी में बीते 19 जनवरी को शहर में पहली बार ऐसी शादी हुई, जिसमें प्लास्टिक-थर्मोकोल की किसी भी वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया। शादी समारोह में आगंतुक मेहमानों के लिए बने भोजन का शत-प्रतिशत इस्तेमाल किया गया।

शादी के बाद समारोह स्थल से कचरे को जैविक तरीके से खाद में बदल दिया गया। निगम ने तय किया है कि शहर के लोगों को इस थीम पर शादी समारोह के आयोजन (Wedding ceremony events) के प्रति जागरूक किया जायेगा। उक्त जानकारी चर्चित अधिवक्ता दीपेश निराला ने दी।

उन्होंने बताया कि बैंकर आशुतोष मिंज (Banker Ashutosh Mijn) और दीपशिखा तिर्की की शादी के उपलक्ष्य में आयोजित शहर की यह पहली ‘जीरो वेस्ट’ पार्टी सैटेलाइट चौक स्थित एक बैंक्वेट हॉल में संपन्न हुई।

रांची नगर निगम के सिटी मैनेजर्स की टीम (City Managers Teem) ने इसके लिए वर-वधू दोनों के परिजनों से संपर्क साधा और इस बात के लिए राजी कराया कि पार्टी का आयोजन इस तरह हो कि पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।

दोनों पक्षों की सहमति के अनुसार पार्टी में मिट्टी और कागज के बने प्लेट, कटोरी और ग्लास का उपयोग किया गया। साथ पार्टी में आये आगंतुक मेहमानों से गुजारिश की गयी कि वे प्लेट में उतना ही भोजन लें, जितना ग्रहण कर सकें।

पार्टी में आये तमाम मेहमानों ने इस पहल की सराहना की। इसके बाद भी थोड़ा-बहुत भोजन बच गया तो उसे समारोह स्थल पर लगायी गयी वेस्ट कंपोस्टर मशीन में डालकर खाद में तब्दील कर दिया गया।

निराला ने बताया कि समारोह स्थल की सजावट में भी प्लास्टिक और थर्मोकोल से पूरी तरह परहेज रखा गया। आर्टिफिशियल फूलों की जगह असली फूल लगाये गये थे।

पार्टी खत्म होने के बाद इन फूलों को भी कंपोस्टिंग मशीन में डालकर खाद बना दिया गया। दावा किया जा रहा है कि इस थीम मैरेज के आयोजन से लगभग पचास हजार रुपये की बचत भी हुई है।

इस संबंध में रांची नगर निगम के आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि इस तरह की शादियों और समारोहों के आयोजन के लिए अभियान चलाया जायेगा। सिटी मैनेजर्स की टीम लोगों से संपर्क साधेगी।

उम्मीद की जा रही है कि आनेवाले दिनों में शहर में ऐसी और शादियां होंगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों को प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना है, ताकि शहर की बेहतर साफ-सफाई में मदद संभव हो सके।

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