अस्पताल में मरीज की समस्या को बढ़ाकर अधिक बिल बनाने का परिजनों ने किया विरोध

निजी अस्पतालों एवं जांच घर की मनमानी पर लगाए रोक जिला प्रशासन-सुनील
मृत्युंजय कुमार/उजियारपुर (समस्तीपुर)। समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में विभूतिपुर प्रखंड के चकहब्बी निवासी 62 वर्षीय विजय कुमार सिंह (Vijay kumar singh) जिनका हाई बीपी के कारण शहर के मवेशी अस्पताल रोड सरोजिनी गली के पास रेणु इमरजेंसी हॉस्पिटल में बिचौलिया की मदद से भर्ती कराया गया था। आधे घंटे में मरीज की स्थिति खराब होता देख 22 मई को सुबह लगभग नौ बजे परिजन दूसरी जगह ले जाकर इलाज करना चाह रहे थे। बड़ी झंझट के बाद परिजन मरीज को लेकर दूसरे डॉक्टर के यहां भर्ती कराया गया। जहां बिना ऑक्सीजन के ही इलाज चल रहा है, जबकि रेणु इमरजेंसी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन लगा दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिजनों से 3600 सौ रुपए मेडिसिन शुल्क तथा 9600 रुपये हॉस्पिटल चार्ज जमा करने को कहा गया, जबकी परिजन ₹2000 जमा किए थे। परिजन से अस्पताल प्रबंधक ₹13000 जमा करने का दबाव बनाने लगे। नहीं जमा करने पर मरीज के छोटे पुत्र को बंधक बना लिया।
बताया जाता है कि अस्पताल प्रबंधन की मनमानी को लेकर परिजन आइसा – माले कोविड हेल्प लाइन से संपर्क किया। कहा की हम ₹13000 देने में सक्षम नहीं हैं। हम ₹5000 देते हैं। हमको यहां से हिसाब क्लियर करवा दीजिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए आइसा जिला सचिव सुनील कुमार, दीपक यदुवंशी, माले जिला कमेटी सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने अस्पताल प्रबंधक से संपर्क कर ₹5000 लेकर मरीज के परिजन को छूट देने की अपील की। अस्पताल प्रबंधक ने जब बात नहीं मानी तब इसकी सूचना टाउन थाना को देकर मामले से अवगत कराया गया। माले- आइसा और टाउन थाना के हस्तक्षेप से बंधक बनाये गये मरीज के पुत्र को मुक्त कराया जा सका।
इस घटना को लेकर भाकपा माले समस्तीपुर जिला स्थायी समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह एवं आइसा जिला सचिव सुनील कुमार द्वारा जिला प्रशासन से शहर के अंदर निजी अस्पताल एवं जांच घर की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है अन्यथा इलाज के नाम पर लूट के खिलाफ मजबूत आंदोलन करने की बात कही गयी है।

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