झारखंड के मुख्यमंत्री का किया गया पुतला दहन

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। आदिवासी सेंगेल (सशक्तिकरण) अभियान की ओर से पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 7 जनवरी को भारत के पांच प्रदेशों (असम, बिहार, बंगाल, उड़ीसा और झारखंड) में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया।

इस दौरान पेटरवार प्रखंड (Petarwar block) के चांपी पंचायत के जेरका टांड गांव में भी सेंगेल अभियान के बोकारो जिला सेंगेल टावर जयराम सोरेन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) का पुतला दहन किया गया।

पुतला दहन के मौके पर बोकारो (Bokaro) जोनल हेड आनन्द टुडू ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (युएन) के अनुसार दुनियां के लगभग 7000 भाषाओं में से 40 प्रतिशत भाषा जल्द ही विलुप्त होने वाली है।

क्योंकि उनका उपयोग पठन-पाठन, सरकारी कार्य, व्यवसाय, संचार-संवाद आदि में नहीं होता है। बिलुप्ती के कागार पर लगभग सभी आदिवासी भाषाएं हैं।

ऐसी स्थिति में भारत की एकमात्र सर्वाधिक बड़ी आदिवासी भाषा संथाली जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त (आठवीं अनुसूची में शामिल) है, को संविधान के अनुच्छेद 345 के तहत झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं देना झारखंड के हेमंत सोरेन की आदिवासी भाषा विरोधी मानसिकता का परिचायक है।

जबकि भारत के गृह मंत्रालय से 5 अगस्त 2020 और 14 अक्टूबर 2020 को झारखंड राज्य के पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू से इस मामले में अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिला हुआ है। फिर भी ये हेमंत सोरेन सरकार उस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है।

किसी ऐरे गैरे बाहरी लोगों के लिए बाहरी भाषाओं को झारखंड में जबरन थोप रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जेएमएम के हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन कई बार मंत्री और मुख्यमंत्री बने। लेकिन शपथ ग्रहण करेंगे हिंदी में। जबकि अधिकार है कि आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से किसी भी भाषा में शपथ ली जा सकती है।

पर ये लोग खुद संथाल आदिवासी हो कर भी संताली भाषा के प्रति कोई हमदर्दी नहीं है। प्यार नहीं है, इसीलिए शपथ ग्रहण समारोह में भी संताली भाषा में नहीं बल्कि हिन्दी भाषा का प्रयोग करते हैं। इसलिए भारत के 5 प्रदेशों में इसका पुतला दहन कर सरकार और जनता को जागरूक करना चाहती है।

मौके पर बोकारो जोनल हेड आनन्द टुडू, बोकारो जिला सेंगेल टावर जयराम सोरेन, चांपी पंचायत सेंगेल टावर कार्तिक हंसदा, अमृत सोरेन, मनोज हेंब्रम, बिक्रम मरांडी, रामेश्वर मुर्मू, प्रेम मुर्मू, रबिन्द्र सोरेन, दुर्गा सोरेन, आकाश सोरेन, सुलेन्द्र सोरेन, रासमुनी सोरेन, पार्वती सोरेन, खुशबू सोरेन, ढिनी सोरेन, सुरुजमुनी सोरेन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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