खदान में डंपर पलटा, बाल-बाल बचा ऑपरेटर

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। खदान में जा रहे सीसीएल का 60 टन भार क्षमता का एक डंपर असंतुलित होकर पलट गया। घटना बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के जारंगडीह खुली खदान की बतायी जा रही हैं।

जानकारी के अनुसार जारंगडीह खुली खदान में 7 जनवरी की दोपहर लगभग एक बजे खदान फेस में जाने के क्रम में 60 टन भार क्षमता का डंपर असंतुलित होकर पलट गया। दुर्घटना में डंपर ऑपरेटर बाल-बाल बच गया उसे हल्की चोटें आई है। घायल ऑपरेटर को सीसीएल के कथारा क्षेत्रीय अस्पताल में इलाज कराया गया है। घटना के बाद यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

जानकारी के अनुसार जारंगडीह खुली खदान विभागीय फेस में कोयला लेने जाने के क्रम में सीसीएल का 60 टन भार क्षमता का डंपर क्रमांक-60043 कोयला फेस में पहुंचने के पूर्व ही असंतुलित होकर दाहिने ओर खाई में जाकर पलट गया।

घटना के बाद सूचना पाकर पहुंचे परियोजना पदाधिकारी परमानंद गुईन, कोलियरी मैनेजर डीके सिन्हा,खान प्रबंधक नीरज कुमार, उत्खनन विभाग के प्रबंधक विशाल शर्मा, सेफ्टी अधिकारी संतोष कुमार, एके सिंह आदि ने पहुंचकर घायल डंपर ऑपरेटर जाहिद आलम को फंसे डंपर से निकालकर उसे कथारा क्षेत्रीय अस्पताल भेज दिया।

इस दौरान प्रबंधन द्वारा डंपर को सीधा करने का प्रयास किया जा रहा था कि तब तक सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय सचिव राजकुमार मंडल व अन्य मजदूर प्रतिनिधि पहुंचकर घटना की जांच की बात कहते हुए काम बंद करा दिया।

बाद में सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य आर इग्नेस, राकोमसं क्षेत्रीय सचिव वरुण कुमार सिंह, एरिया सेफ्टी बोर्ड सदस्य बालगोविंद मंडल, सीकेएस क्षेत्रीय अध्यक्ष टिकैत महतो, जमसं क्षेत्रीय सचिव कामोद प्रसाद यादव, सीटू के निजाम अंसारी, जमसं के शाखा सचिव नंद किशोर आदि ने पहुंचकर प्रबंधन पर सर्वे ऑफ वाहन से जबरन काम लेने और ऑपरेटरों को धमकाने का आरोप लगाया।

इस दौरान राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ नेता वरुण कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी इस विषय को उठाया था और स्थानीय पीओ तथा मैनेजर से कहा था कि पहले मजदूर की सुरक्षा जरूरी है उसके बाद कार्य, लेकिन लगता है प्रबंधन को मजदूरों की चिंता नहीं है।

बाल गोविंद मंडल ने कहा कि उन्होंने कई बार सेफ्टी कमेटी की बैठकों में मशीनों के उचित रखरखाव तथा कामगारों की सुरक्षा के सवाल को उठाया। राज कुमार मंडल ने कहा कि प्रबंधन को मजदूरों के जान की चिंता नहीं है। यह घटना स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है।

लगभग 2 घंटा कार्य बाधित रहने के बाद पीओ तथा क्षेत्रीय बोर्ड सदस्यों से मिली सहमति के बाद डंपर को निकाला जा सका।
बताया जाता है कि दुर्घटना में घायल डंपर ऑपरेटर जाहिद आलम के सर में चोट लगी है जिसके कारण उसके माथे में लगभग 5 टांके पड़े हैं।

सूत्रों के अनुसार डंपर ऑपरेटरो द्वारा या तो स्वार्थवश कोयला फेस में डंपर ले जाया जाता है अथवा कभी कभार डंपर ऑपरेटरों की शिकायत को नजरअंदाज कर प्रबंधन द्वारा जबरन मशीनों का परिचालन कराया जाता है।

इस अवसर पर दुर्घटना स्थल के समीप उपरोक्त के अलावा ओवरमैन राजेश कुमार, कामगार वासुदेव मंडल, अरविंद ओझा, शंकर कुमार, मुद्रिका महतो, कामेश्वर महतो, किशुन राम महतो, लक्ष्मण राम, रमेश, जाबिर हुसैन, उपेंद्र, नरेश राम, जेजे सांगा, इसराइल अंसारी, रमेश पासवान, संतोष मंडल आदि उपस्थित थे। संभावना जताई जा रही है कि उक्त डंपर का ब्रेक फेल हो जाने के कारण यह दुर्घटना घटित हुआ।

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