विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों के नृत्य कला ने किया मंत्रमुग्ध

पियूष पांडेय/बड़बिल (उड़ीसा)। केंदुझर जिला के हद में बड़बिल नगर के महोत्सव मैदान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव की दूसरी संध्या देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे आदिवासी कलाकारों ने अपने कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की दूसरी संध्या के अवसर पर मुख्य अतिथि स्वरुप अंतराष्ट्रीय लोक कलाकार एवं संगीतकार नंदलाल नायक ने अपने अंदाज से समां बांधा। मौसम ने भी नर्मी बरतते हुए कलाकारों को उत्साहित किया। कार्यक्रम की शुरुआत मध्यप्रदेश के आदिवासी कलाकारों ने गोंडा जनजाति नृत्य से किया।

इसके बाद पश्चिम बंगाल के बोलपुर शांति निकेतन, रांची के मुंडारी नृत्य, असम की रांबा, झारखंड से उरांव नृत्य, ओड़िशा बोलांगीर से खोड़ा नृत्य, केंदुझर से भुईयां नृत्य, झारखंड के प. सिंहभूम की हो नृत्य और अन्त में असम टीम द्वारा बीहू नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिसमें ओडिशा के बोलांगीर और झारखंड की उरांव नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

समारोह के तीसरे और अंतिम दिवस 21 मई की शाम समापन समारोह पर मुख्य अतिथि जुएल उरांव, सम्मानित अतिथि पद्मश्री दैयतारी नायक, झारखंड की समाज सेवी बरखा लकड़ा, समाजसेवी डॉ मुरली मनोहर शर्मा, डॉ फकीर मोहन नायक एवं गुजरात से दिलीप मनका उपस्थित हो दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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