कालीन उद्योग से महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाया जायेगा-उपायुक्त

एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district Deputy Commissioner Manjunath Bhajantri)  की अध्यक्षता में 18 मार्च को हस्तशिल्प चौपाल सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन घघरजोरी पंचायत भवन सभागार में किया गया। इस दौरान उपायुक्त भजंत्री ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत गांवों का देश है। यहां हस्तशिल्प की अपनी लंबी परंपरा रही है जिसका सामाजिक सांस्कृतिक महत्व है।
उन्होंने कहा कि आज हम आधुनिक तकनीक से जुड़ रहे हैं लेकिन परंपरागत हस्तशिल्प से कट रहे हैं। ऐसे में इस कार्यशाला का अपना महत्व है। उपायुक्त ने कहा कि अर्थव्यवस्था और समाज की व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है कि विभिन्न ट्रेडों के हस्तशिल्पियों, कारीगरों तथा अन्य पारम्परिक उद्योगों से जुड़े महिलाओं को प्रशिक्षित कर समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक हस्तशिल्पी व कारीगर जब खुशहाल व समृद्ध होंगे, तभी समाज खुशहाल होगा और अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
सहायक निदेशक हस्तशिल्प भुवन भास्कर द्वारा विभिन्न जानकारी से सभी को अवगत कराते हुए कहा गया कि हस्तशिल्पि टाॅल फ्री नंबर 18002084800 पर काॅल कर आप अपने समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के पश्चात उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा कालीन व्यवसाय से जुड़ी विभिन्न दीदियों से मुलाकात कर उन्हें मिल रही सुविधा एवं कार्य करने में आ रही समस्याओं से अवगत हुए। साथ हीं संबंधित अधिकारियों को सख्त निदेशित किया कि इस कार्य में दीदियों की मेहनत एवं कार्यशैली को देखते हुए प्रयास करें कि इन्हें इनका सही मेहनताना व सम्मान दोनों मिले। सबसे महत्वपूर्ण इन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने की दिशा में विशेष खाका तैयार करें, ताकि सही तरीके से इनके बनाये सामानों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा सके।
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त भजंत्री ने दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि लघु एवं कुटीर उद्योग के तहत बनाये जा रहे सामानों की बिक्री हेतु जल्द हीं देवघर जिला प्रशासन के सहयोग से इन सामानों की सुगमतापूर्वक उपलब्धता हेतु ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आईटी इंजीनियर्स के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उद्योगों हेतु वेबसाइट डिजाइन तैयार कराया जाएगा।
उपायुक्त भजंत्री द्वारा महिला हस्तशिल्पियों को आर्टिजन कार्ड से होने वाले फायदों व इसके उपयोग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गयी, ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके। जिससे इनकी सही पहचान हो कि संबंधित महिला किसी खास क्षेत्र के कारीगर हैं। सबसे महत्वपूर्ण सारे आर्टिजन कार्ड धारियों का ऑनलाइन रिकॉर्ड होगा। जिसके आधार पर बड़े कारखाने या कम्पनियों द्वारा आमन्त्रित किया जा सकता है।

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