पर्यावरण शिक्षा तथा पर्यावरण के प्रति जागरूक करने को ले स्विचऑन की एमओयू

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड में पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने एवं छात्रों को पर्यावरण सशक्त बनाने के लिए राज्य शिक्षा परियोजना परिषद् और स्विचऑन फाउंडेशन द्वारा बीते 23 मई को एमओयू किया गया।

जानकारी के अनुसार झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने अगले तीन वर्षों के लिए स्विचऑन फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।

एमओयू का उद्देश्य छात्रों को पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु परिवर्तन के लिए कार्रवाई करने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे झारखंड के 11 जिलों यथा धनबाद, बोकारो, रामगढ़, साहेबगंज, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, गोड्डा, कोडरमा, गिरिडीह और रांची में पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों की एक पीढ़ी को बढ़ावा दिया जा सके।

बताया जाता है कि उक्त एमओयू की एक खास बात यह है कि यह छात्रों को एनवीरऑन (EnvirON) नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पर्यावरण शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है। एनवीरऑन वायु प्रदूषण, पर्यावरणीय स्थिरता और अपशिष्ट प्रबंधन पर छात्रों को शिक्षित करने के लिए स्विचऑन द्वारा विकसित एक डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम है।

यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ऑनलाइन पाठ्यक्रमों, डीएलवाई प्रोजेक्ट्स और इंटरैक्टिव विज़ुअल्स के माध्यम से सीखने का अनुभव प्रदान करता है। साथ हीं कार्य करने के लिए व्यवहारिक मॉडल में छात्रों को शामिल करके, पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति गहरी समझ और प्रतिबद्धता पैदा करना चाहता है।

इस अवसर पर आई.ए.एस राज्य परियोजना निदेशक जेईपीसी आदित्य रंजन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण हम सभी को प्रभावित करता हैं, लेकिन बच्चे विशेष रूप से जोखिम में हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन की शुरुआत हम सभी को करनी होगी।

बच्चों में जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि तभी वे इस मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए परिवार और दोस्तों को एकजुट करना शुरू कर सकते हैं। कहा कि आइए हम हरी भरी पृथ्वी के लिए पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दें।

स्विचऑन फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक विनय जाजू ने कहा कि हम मानते हैं कि कल के युवा प्रतिनिधि के रूप में, बच्चों के लिए टिकाऊ जीवन के महत्व को समझना और वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे के समाधान के लिए ठोस कदम उठाना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि एनवीरऑन स्कूली बच्चों को न केवल स्वच्छ हवा के महत्व के बारे में जानने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि समुदायों में वायु की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों में भी सक्रिय रूप से शामिल होगा। कहा कि इसका उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता और कार्रवाई पर व्यापक प्रभाव पैदा करना है।

वायु प्रदूषण और इसके स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, छात्रों को सामूहिक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने, स्कूल-आधारित गतिविधियों के माध्यम से अपशिष्ट जलाने, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने से संबंधित गतिविधियों की निगरानी और रिपोर्टिंग में छात्रों को शामिल करने के लिए पेंटिंग प्रतियोगिताएं और डीएलवाई कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी।

जाजू ने कहा कि साझेदारी का उद्देश्य सूक्ष्म परियोजनाओं, रीसाइक्लिंग, खाद और वृक्षारोपण अभियान पर केंद्रित कार्यशालाओं के माध्यम से इको क्लब और ग्रीनोवेशन क्लब को सशक्त बनाना है। व्यावहारिक दृष्टिकोण का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को वायु प्रदूषण के बारे में जागरूक करना, उन्हें अपनी सुरक्षा करने के लिए प्रेरित करना और सकारात्मक कार्रवाई करना है।

कहा कि छात्रों को वायु गुणवत्ता डेटा का उपयोग करने, रिपोर्ट तैयार करने और अपने परिसर और समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। व्यावहारिक प्रशिक्षण से पर्यावरण प्रबंधन के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

जानकारी देते हुए स्विचऑन प्रबंधक विवेक गुप्ता ने बताया कि समझौता ज्ञापन के अनुसार जेईपीसी और स्विचऑन फाउंडेशन द्वारा अगले तीन वर्षों में मिलकर काम करने के एक समर्पित प्रयास का प्रतीक है।

उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए छात्रों को आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना, इस पहल का उद्देश्य पर्यावरणीय प्रबंधन की संस्कृति का पोषण करना है। अंतिम लक्ष्य स्थानीय समुदायों और हमारी पृथ्वी दोनों पर स्थायी प्रभाव पैदा करते हुए अगली पीढ़ी को स्थिरता का चैंपियन बनने के लिए प्रेरित करना है।

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