हिंदी साहित्य जगत की हस्ताक्षर रहीं डॉ. मंजू पांडे का आकस्मिक निधन

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री डॉ राम मनोहर त्रिपाठी की सुपुत्री तथा दुर्गा देवी सराफ जूनियर कॉलेज की पूर्व हिंदी प्रवक्ता डॉ. मंजू पांडे का 65 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई। हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी और मराठी विषयों पर डॉ मंजू पांडे मजबूत पकड़ रखती थी।

कुर्ला पश्चिम सोनापुर लेन स्मशानभूमि में उनका अंतिम संस्कार उनके पुत्र अंशुल पांडेय ने मुखाग्नि देकर की। इस मौके सांसद वर्षा गायकवाड़, विधायक राजहंस सिंह, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान, चंद्रकांत त्रिपाठी, अनिल गलगली, जयप्रकाश सिंह, प्रमिला ग्रोवर, डॉ राधेश्याम तिवारी, डॉ ह्र्दयनारायण मिश्रा, राजीव नौटियाल, एड अरविंद तिवारी, अनिल त्रिवेदी, मनोज नाथानी, वजीर चांद मुल्ला, कासिम तंबोली, द्विजेन्द्र तिवारी, आदि।

डॉ नितेश सिंह, अजय शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार बृजमोहन पांडेय, ओमप्रकाश तिवारी, सज्जन द्विवेदी, आदित्य दुबे, विजय सिंह कौशिक, अभय मिश्रा, राजकुमार सिंह, शेषनाथ सिंह, आनंद मिश्रा, पुष्पराज मिश्रा, सुरेंद्र मिश्रा, रोहित तिवारी, राजन त्रिवेदी, चंद्रेश दुबे, राजू मेहता, धरमचंद जैन, हस्तीमल सुतरिया, कांतिलाल कोठारी, आदि।

राजकुमार चपलोत, संजय यादव, प्रकाश चौधरी, चेतन कोरगांवकर, दशरथ घरवाडे, कमलेश दवे, जेडी गुरव, राजकुमार मिश्रा, उमेश सिंह, अरविंद सिंह, अतुल कदम, सुरेश यादव आदि उपस्थित थे। वरिष्ठ पत्रकार अनुराग त्रिपाठी, पुनम त्रिपाठी, लेखक अंशुल पांडेय, लीलाधर पनसानिया, तन्वी पनसानिया से मिलकर सभी लोगों ने सांत्वना दी।

Tegs: #Sudden-demise-of-dr-manju-pandey-who-was-a-signature-of-hindi-literary-world

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