बाल दिवस पर डीएवी ढोरी में खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बाल दिवस के अवसर पर 14 नवंबर को बोकारो जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद किया गया। इस अवसर पर यहां छात्र छात्राओं के बीच खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

बाल दिवस के अवसर पर विद्यालय स्थित महात्मा हंसराज पुस्तकालय में पंडित नेहरू के चित्र पर प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षिकाओं तथा छात्र-छात्राओं द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पुष्प अर्पित किया गया।

तदुपरांत बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर हिंदी और अंग्रेजी में विभिन्न वक्ताओं द्वारा प्रकाश डाला गया। इसमें अंशु कुमारी, कृपा सिह, तनिक कुमार ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कनीय संभाग में विभिन्न प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

जिसमें 100 मीटर दौड़, मटका दौड़, जिलेबी रेस, स्पून मार्बल रेस, सैक रेस, काॕक रेस, बैलून रेस तथा रैंप वॉक का आयोजन किया गया।

विद्यालय के नन्हे सम्राटों द्वारा उन्मुक्त होकर इन स्पर्धाओं में भाग लेना उनके चहुमुखी विकास का घोतक है। विद्यालय प्रबंधक द्वारा इस अवसर पर सभी बच्चों को मंच (टॉफी) प्रदान किया गया। प्रत्येक स्पर्धा के विजेता एवं उपविजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र तथा उपहार प्रदान किया गया।

जलेबी रेस में योगेश्वर तथा वर्षा रानी उपविजेता रहे। मैथ्स रेस में सिमरन सिद्धि विजेता तथा अक्षत कुमार उपविजेता, मटका रेस में प्राची कुमारी विजेता, लक्ष्मी कुमारी उपविजेता रहे।

स्पून मार्बल रेस में श्रीधी विजेता तथा आयुष उपविजेता रहे, काॅक फाइटीना में मानस विजेता राम उपविजेता, कुर्सी रेस में आकांक्षा विजेता तथा प्रत्यूष उपविजेता रहे, सैक रेस में अवनीश विजेता तथा राहुल उपविजेता रहे, सुई धागा में मोनिका विजेता प्राची उपविजेता, प्लेट मेकिंग में राहुल विजेता तथा प्रणय उपविजेता रहे।

इस अवसर पर पंडित नेहरू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय के प्राचार्य सत्येंद्र कुमार ने उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए तथा साथ ही साथ उनके व्यक्तित्व को अपने जीवन में तराशने के लिए व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करने पर बल दिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में उमाशंकर सिंह, सोनिया, संतोष कुमार, यूपी साहनी, अशोक पॉल, प्रदीप कुमार, एस सी शुक्ला, रिंकी, पिंकी, खुशबू ,आरती, लक्ष्मी, स्पर्श,पूजा, सुनीता, अनीता, तथा अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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