आयुर्वेद में है कोरोना का संभावित इलाज: वैद्य रामकुमार वर्मा

कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से पूरा विश्व जहां अपने आपको किंकरतव्यविमूढ़ पा रहा है वहीं पर दुनिया एक बार फिर से आयुर्वेद की ओर देख रही जिसके अचूक नुस्खों ने विषाणु जनित इस रोग पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। आयुर्वेद जगत में 35 साल से भी अधिक समय से लाखों मरीजों की समस्या हल कर चुके आयुर्वेदाचार्य वैद्य रामकुमार वर्मा (झबरेड़ा हरिद्वार 9719546268) न सिर्फ अपने हरिद्वार के मरीजों को बल्कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए देश भर के कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को घर बैठे इलाज बता रहे हैं। जगत प्रहरी के विशेष प्रतिनिधि आनंद मिश्र ने वैद्य श्री वर्मा से इस बाबत बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश:

वैद्य रामकुमार वर्मा

सवाल: वैद्य जी, कोरोना मरीज को आयुर्वेद में किस तरह का इलाज बताएंगे आप ?

जवाब: बहुत ही आसान ओर घरेलू उपाय है। अदरक का आधा इंच टुकड़ा, हल्दी चुटकी भर, तुलसी के 11 पत्ते, काली मिर्च 7 दाने, दालचीनी पावडर आधा ग्राम, मुलैठी आधा ग्राम, गिलोय पावडर आधा ग्राम, सभी का पेस्ट बना इसे 4 कप पानी में उबालें। जब पानी 1 कप रह जाए तब इसे छानकर काढा दिन में तीन टाईम रोगी को देवें।

इसके अलावा, दिन में तीन टाईम एक गिलास दूध में आधा ग्राम शिलाजीत मिलाकर गर्म करक रोगी को देवें। अर्थात तीन गिलास दूध और डेढ़ ग्राम शिलाजीत पूरे दिन में। शिलाजीत अत्यंत कफनाशक है। हां रोगी गर्म पानी पी सकता हैं, कफ नाशक चीजें इस कफजनित बीमारी को बहुत जल्द ठीक करेंगी।

सवाल: इसके अलावा और कोई नुस्खा ?

जवाब: आयुर्वेद में ऐसे नुस्खों की कोई कमी नहीं। इसके अतिरिक्त एक छोटा चम्मच पीसी मुलेहठी को दूध या शहद के साथ दें। दिन में तीन बार। और हां दूध हमेशा गर्म ही होना चाहिए। अभ्रक भस्म (शतपुटी) 1 से 3 रत्ती, सितोपलादि चूर्ण 3 से 6 ग्राम, स्फ़टिक भस्म 2 रत्ती शहद में मिलाकर दें। उसके लेने के दो घंटे बाद मरीज को एक गिलास देशी गाय का दूध अदरक पकाकर व हल्दी आधी चम्मच मिलाकर दें। ऐसा दिन में तीन बार करें।  काला बांसा को जलाकर उसकी राख शहद में मिलाकर दें। और दो घंटे बाद एक गिलास गाय का दूध गर्म करक दें। दिन में तीन बार ऐसा करें। लगातार यही करें।

सवाल: इसके अलावा मरीज किस बात का ख्याल रखे ?

जवाब: बहुत अच्छा सवाल।  जहां मरीज हो उस कमरे का तापमान 40 डिग्री तक रखें। उसे लगातार पसीना आएगा और उसका कफ जलना शुरु हो जाएगा। ये कोरोना के विकास के लिए विषम परिस्थिति का निर्माण करता है। भारत देश के लिए ये अच्छा है कि गर्मी का मौसम चल रहा है और यह वायरस फैलने में रुकावट है। हां, खान पान में ये ध्यान रखना है कि  कोई भी कफवर्धक चीज ना लें। जौ की रोटी खाएं और देशी गाय का घी या तोरी या मूंग की दाल खाएं। वो भी कम मात्रा में। परंतु मेरी ये सलाह है कि अपने किसी वरिष्ठ वैद्य या जानकार चिकित्सक से पूछकर ही ऐसा प्रयोग में लेवें।

सवाल: श्वसन संबंधी समस्या को भी आजकल कोरोना से जोड़कर देखा जाने लगा है। इसका कोई उपाय बताएं।

जवाब: सभी प्रकार की श्वसन सम्बन्धी शिकायतों जैसे दमा, खांसी, काली खांसी, सांस फूलना, जुकाम, टीबी सभी रोगों में भी इस दवा आराम मिल सकता है। इसके लिए कुमारकल्याणं रस 50 गोली, श्वाशचिन्तामनी रस 50 गोली (पीसकर मिलाएं), सितोपलादि चूर्ण 120 ग्राम, टँकन भस्म 10 ग्राम, अभ्रक भस्म शतपुटी 10 ग्राम, स्फ़टिक भस्म 10 ग्राम, श्रंग भस्म 5 ग्राम सभी केवल बेधनाथ, उंझा, डाबर या धुतपापेशेवर को मिलाकर 100 पुड़िया बना लें। इसे 1-1 सुबह, दोपहर, शाम व रात शहद से 25 दिनों तक दें। यह मात्रा वयस्को के लिये है। उम्र व बल के अनुसार वैध या चिकित्सक की सलाह से प्रयोग करें। चावल, दही, खटाई, अचार, ठंडा पानी, आइसक्रीम, सॉस बन्द करें।

 सवाल: इन दवाओं के बारे में आप कितना आश्वस्त हैं ?

जवाब: मैंने आयुष मंत्रालय से प्रार्थना किया है कि  जिन लोगों को होम क्वारन्टीन किया गया है व जो लोग कोरोना संक्रमित के सम्पर्क में आये हैं यह प्रयोग उन पर जरूर आजमाए। मैं कोई दावा नहीं करता एक प्रयास भर है।

सवाल: इसका टीका विकसित करने में दुनियाँ भर के डॉक्टर और वैज्ञानिक लगे हैं। आप इसके बारे में क्या कहेंगे ?

जवाब: दरअसल किसी भी बीमारी का टीका या वैक्सीन बनने में कम से कम 6 महीने से डेढ़ साल लगता है। वैक्सीन या टीका  बनने के बाद इसे कई चरणों से गुजरना पड़ता है। पहले वैक्सीन का जानवरों पर टेस्ट किया जाता है फिर 10 से 100 स्वस्थ इंसानों पर। फिर 10 से 100 मध्यम अटैक रोगियों पर टेस्ट किया जाता है और फिर 100 से 3000 भयंकर रोगियों पर टेस्ट होता है। फिर 6 महीने लगभग उन पर टीका या वैक्सीन का प्रभाव जांचने में लगता है।

सवाल: कहा जा रहा है कि इम्यूनिटी बढ़ाकर इससे लड़ा जा सकता है। इसके लिए आयुर्वेद में क्या नुस्खा है ?

जवाब: हर आदमी के शरीर की असली ताकत उसका इम्यूनिटी सिस्टम या रोग प्रतिरोधक क्षमता है, जो किसी भी वायरस से लड़ सकता है। आपका इम्यूनिटी सिस्टम जितना मजबूत होगा, बीमारी से लड़ने की ताकत उतनी ही अच्छी होगी। अभी तक शायद आपने किसी योगी, साधु या सन्यासी को कोरोना पीड़ित नहीं सुना होगा क्यूंकी योग ने उनका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बना दिया है। जहां तक इसके लिए नुस्खे की बात है इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने के लिये महासुदर्शन घन बटी, संस्मनी बटी ( गिलोयघन बटी) 1-1 गोली सुबह शाम गर्म पानी से लें। आरोग्यवर्धनि बटी 2-2 गोली, संजीवनी बटी 1-1 गोली लंच व डिनर के बाद गर्म पानी से लें। कोई भी बुखार, खांसी, गले के दुखन, सांस लेने में परेशानि होने पर तुरन्त डॉ से मिलें।

सवाल: और क्या संदेश देना चाहेंगे आप ?

जवाब: हम सभी का अपने अपने घरों में रहना बहुत जरूरी है और तब तक जब तक वायरस की चेन न टूट जाये। क्योंकि ज्यादार वायरस चेन टूटने से अपने आप गायब हो जाते हैं। जब शत्रु अदृश्य हो तो घर मे रहने में ही भलाई है। याद रखिये, कोरोना जब तक आपके घर नहीं आएगा जब तक आप उसे लेने बाहर न जायें, आप अपने परिवार के लिये अनमोल हो, घर पर रहे सुरक्षित रहे, बाकी बचाव ज्ञान तो आपको रोज टीवी दे ही रहा है।

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