ॠण लाभूकों को छह दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वरोजगार व्यक्तिगत ॠण एवं स्वयं सहायता समूह ॠण प्राप्त 165 लाभुकों का छह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम गिरिडीह नगर निगम, नगरीय प्रशासन निदेशालय, नगर विकास एंव आवास विभाग झारखंड सरकार राँची के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अंबेडकर सामाजिक संस्थान गिरिडीह द्वारा अंबेडकर भवन आफिसर्स कॉलोनी मे छह दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्वंय सहायता समूह के तीन ऋण लाभुकों और स्वरोजगार घटक व्यक्तिगत ऋण लाभुकों को अंबेडकर सामाजिक संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है। जो प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात आगामी 28 मार्च को सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

प्रशिक्षक बीएम झा, डाॅ इंदिरा मिश्रा, डाॅ धर्मेंद्र गौर, डाॅ अरविन्द मोदी, रामदेव विश्वबंधु द्वारा लाभुकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर विश्वबंधु ने बताया कि महिलाओ के सामुहिक प्रयास से आर्थिक उपार्जन किया जा सकता है।

कार्यक्रम में डॉ अरविन्द ने कहा कि उपनगर आयुक्त स्मृता कुमारी के आदेशानुसार उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसके पहले फेज मे आरसेटी, कल्याणडीह मे किया गया था और दुसरा फेज का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन की भूमिका है। उन्होंने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन केन्द्र सरकार का गरीबी उन्मूलन की एक महत्वपूर्ण योजना है।

जिसके तहत सरकार के निर्देश से बैंको द्वारा उद्दमिता विकास के लिए शहरी गरीबों को अत्यंत कम ब्याज दर पर ऋण दिया गया है। किन्तु उद्यम को सफलतापूर्वक व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी उद्देश्य को ध्यान मे रखते हुए सरकार द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया जा रहा है।

ताकि लाभुकों का व्यवसायिक कौशल लेकर ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सके। उन्होने जानकारी दिया कि विश्व के सबसे बडे लोकतंत्रात्मक गणराज्य के सर्वोच्च नागरिक राष्ट्राध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू भी स्वयं सहायता समूह से जुडी रही है। उनके लगनशील, नेतृत्व क्षमता व सामाजिक योगदान के वजह से वे आज राष्ट्राध्यक्ष हैं।

प्रशिक्षक बीएम झा ने बैंकिंग प्रणाली एवं इससे लाभ लेने के तरीके को विस्तार से बताया। डाॅ गौर ने बताया कि एसएचएसजी द्वारा निर्मित प्रोडक्ट को बाजार, समय व उपभोक्ता की मांग को बहुत ही सहजता से प्रतिभागियों के नेतृत्व क्षमता को पहचानने की बात की।

डाॅ मिश्रा ने बताया कि महिला उद्यमी को ससम्मान और सुरक्षा के साथ अपने और अपने परिवार के आजीविका को स्वशक्तिकरण को बढाना है, न कि उनके नाम पर प्रतिभागियों (महिलाओ) के पति द्वारा क्रियान्वयन किया जाय। उन्होंने कहा कि महिलाओ की सहभागिता शुरुआत से ही सुनिश्चित होनी चाहिए।

उन्होने बताया कि प्रायः महिलाओ पर अत्याचार घर से ही होती है। शुरुआत मे परिवार व समाज के बदनामी के डर सहन करने लगती है और किसी के साथ साझा नही करती है। यही क्रम इतना बढ जाता है कि उनके जीवन व अस्तित्व पर आ जाती है। इसमे उन महिलाओ को शुरुआत से ही इसका विरोध अपने परिवार व मित्र के साथ साझा करना चाहिए। अन्यथा ऐसा ना हो कि पानी सर से उपर हो जाये। उसके बाद वैसी पीड़ित महिला अपनी आवाज उठाने लायक नही रहे।

उन्होंने यह भी कहा कि वैसे पुरूषों को सम्मान और आदर करना चाहिए जो अपने पत्नी व घर, समाज के महिलाओ को पढाने, बाहर काम करने मे सहयोग करते व बढावा देते हैं। उन्होंने डाॅ अरविन्द व अन्य को साधुवाद दिया, जो ऐसे कार्यक्रम आयोजित करवाए और लाभुको से रूबरू कराया।

इस अवसर पर कई लाभुकों के साथ प्रशिक्षको का प्रश्नोत्तर हुआ और वे लाभान्वित हुए। उक्त मौके स्थल पर डाॅ अरविन्द मोदी, नगर प्रबन्धक अंबेडकर सामाजिक संस्थान के सचिव रामदेव देशबंधु, सीओ इन्द्रदेव वर्मा, आदि।

गुप्ता रविदास, सामाजिक संसाधन सेविका रचना सिंह, विभा किरण, कुंती साहु, रंजना गुप्ता, सुधा सिंह, निर्मला गुप्ता, कंचन सिंह, निक्की देवी, मंजु देवी व् सैकडों एसएचजी ऋण लाभुकगण व स्व-रोजगार व्यक्तिगत ऋण लाभुकगण उपस्थित थे।

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