गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोहपूर्वक वैशाली जिला परिषद सभागार हाजीपुर में 16 नवंबर को मनाया गया। समारोह का उद्घाटन वैशाली के जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय और वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र मानपुरी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर प्रेस के बदलते स्वरूप पर परिचर्चा की गयी, जिसमें वैशाली जिले के दर्जनों मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने कहा कि किसी भी प्रोफेशन में अनुशासन और सत्यनिष्ठा बहुत जरूरी होता है।
उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में उदारीकरण, निजीकरण और भूमंडलीकरण के बाद मीडिया के स्वरूप में बदलाव आया है। प्रेस के समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं। इसका सामना मीडिया को सूझ-बूझ और समन्वय के साथ करना है। उन्होंने कहा कि प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बने रहने के लिए एक जिम्मेदार मीडिया का रोल अदा करना होगा।
इस परिचर्चा में आरक्षी अधीक्षक हर किशोर राय ने कहा कि पहले मीडिया एक मिशन के रूप में था। लेकिन अब सबसे पहले और सबसे तेज खबर देने या कई बार टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में समाज की क्षति हो जाती है। पत्रकारों को इससे बचना चाहिए। सामाजिक सरोकार के नाते भी मीडिया को रिपोर्टिंग में संतुलन दिखाना चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक सुरेंद्र मानपुरी ने अपने पांच दशक के पत्रकारिता के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में ही प्रेस की स्वतंत्रता निहित है। लेकिन हमारी स्वतंत्रता एक जवाबदेह नागरिक की तरह होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि बाजार वाद से प्रेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इस प्रतिस्पर्धा से पत्रकारिता में प्रगति होनी चाहिए। खबर लेखन और ब्रॉडकास्टिंग में संतुलन अति आवश्यक है। पत्रकार को पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं होना चाहिए। खबरों के प्रकाशन या प्रसारण के पहले सत्यापन जरूरी है। उन्होंने कहा कि संवाददाता के व्यक्तित्व से ही खबरों की पहचान होती है।
इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र मानपुरी को जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्मानित किया गया। मानपुरी ने स्वयं द्वारा लिखित कई पुस्तकें जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भेंट स्वरूप प्रदान की। कार्यक्रम में जिले के मीडियाकर्मी के अलावा जिले के कई पदाधिकारीगण मौजूद थे।
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