जेल गोलीकांड के शहीद कॉ कालीचरण राय की याद में माले का संकल्प सभा

शहीद कॉ सुखदेव एवं कॉ राजेंद्र के शहादत को माले ने किया सलाम

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जेल गोलीकांड के शहीद कॉमरेड कालीचरण राय की याद में भाकपा माले द्वारा 14 जनवरी को संकल्प सभा का आयोजन किया गया। संकल्प सभा में बड़ी संख्या में माले कार्यकर्ता शामिल हुए।

पुलिसिया एवं सामंती जुल्म, उत्पीड़न के खिलाफ समस्तीपुर जेल गोलीकांड के शहीद कॉ कालीचरण राय समेत कॉ सुखदेव राय एवं कॉ राजेंद्र साह (मोतीपुर) का संयुक्त शहादत दिवस पर 14 जनवरी को माले कार्यकर्ताओं ने संकल्प सभा का आयोजन किया।

कार्यक्रम में समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के चकनूर स्थित शहीद स्मारक शहीदों की याद में झंडोत्तोलन के बाद शहीदों को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दिया गया। इस अवसर पर शहीद स्मारक पर नारों के बीच माल्यार्पण किया गया।

मौके पर आयोजित संकल्प सभा की अध्यक्षता माले प्रखंड सचिव अनील चौधरी ने की। जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, जिला कमिटी सदस्य प्रमिला राय, जयंत कुमार, राजकुमार चौधरी, पंसस ऐनूल हक, मो. महताब, अशोक कुमार, कृष्णा दास, टिंकू यादव, साधुशरण साह, सोनेलाल पासवान, राम स्वार्थ सहनी, आदि।

महेश पासवान, रामनरेश पासवान, राजकुमार पासवान, परमेश्वर सहनी आदि ने शहीदों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर उनके सपनों का भारत बनाने के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।

सभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने कहा कि तत्कालीन भाकपा माले नेता कॉ कालीचरण, कॉ सुखदेव राय, कॉ राजेंद्र साह के नेतृत्व में लूट- भ्रष्टाचार, शोषण, दमन, सामंती एवं पुलिया जुल्म-उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष चल रहा था। सामंती ताकतों के ईशारे पर पुलिस ने कार्रवाई कर माले नेताओं को जेल में डाल दिया था।

माले नेताओं ने जेल के अंदर भी संघर्ष जारी रखा। जेल के अंदर भूख हड़ताल शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि एक ओर माले नेताओं के नेतृत्व में जेल के अंदर भूख हड़ताल को व्यापक समर्थन मिल रहा था, दूसरी ओर जेल आंदोलन के समर्थन में जेल के बाहर भी आंदोलन शुरू हो गया था। आंदोलन तीव्र गति से बढ़ रहा था। प्रशासन का आंदोलन रोकने की हर कोशिश नाकाम रहा।

अंत में प्रशासन ने आंदोलनकारियों पर गोली चला दी। इसमें मौके पर आंदोलन के नेतृत्वकर्ता कॉ कालीचरण शहीद हो गये। अन्य कई आंदोलनकारियों को गोली मार दी गई। ईलाज के दौरान अन्य आंदोलनकारी की भी मौत हो गई। इस घटना की गुंज सिर्फ समस्तीपुर, बिहार ही नहीं देश स्तर पर सुनाई दी।

तब जेल मेनुअल एवं जेल व्यवस्था में कई बदलाव सरकार को करने को बाध्य होना पड़ा था। माले नेताओं ने नीतीश- तेजस्वी सरकार से वर्ष 1981 में समस्तीपुर जेल गोलीकांड पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।

 117 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *