कोरोना से ठीक हुए मरीजों में यूटीआई का खतरा

सफल इलाज के लिए जरूरी है मर्ज की पहचान

मुश्ताक खान/मुंबई। कोरोना जैसी महामारी से संभलने वाले मरीजों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन देखने को मिल रहा है। इसके अलावा कोविड से ठीक हुए मरीजों में हृदय रोग, मस्तिष्क विकार, म्यूकोरिया या काले फंगस के लक्षण दिखाई देते थे।

अनुभवी डॉक्टरों के अनुसार दूसरी लहर के दौरान 20 से 60 साल के बीच के मरीजों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने की संभावनाओं मस इंकार नहीं किया जा सकता । इसके पीछे के सही कारणों पता नहीं चल पाया है।

ताजा मामला मुंबई की रहने वाली 35 साल की अमिता जोशी (काल्पनीक नाम) जुलाई 2021 में कोरोना से संक्रमित हुई थीं। इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ था। लेकिन कुछ दिनों बाद इस महिला को पेशाब में जलन और जबरदस्त दर्द महसूस होने लगी ।

उनकी हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल (Apollo spectra hospital mumbai) में दाखिल कराया। वैदयकीय जांच से पता चला कि महिला को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) हुआ था। महिला कोरोना से ठीक होने के बाद यूटीआई के लक्षण दिखे। इसके बाद अपोलो स्पेक्ट्रा के यूरोलॉजिस्ट डॉ़ तरुण जैन से सलाह ली गई।

तो उन्होंने कहा, कोरोना से ठीक हुए कई मरीज इस समय यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के शिकार हो रहे हैं। क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों को स्टेरॉयड दिए जाते हैं। इन दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से मरीजों में यूटीआई का खतरा बढ़ रहा है।
डॉ. जैन ने कहा की मूत्र पथ संक्रमण होना बहुत ही गंभीर विकार है।

मूत्र पथ से किसी भी हिस्से में संक्रमण हो सकता है। मूत्र पथ में अधिक परेशानी होने की संभावना है। मिरारोड के वॉकहार्ट अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. शेषांग कामत ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने यूटीआई की समस्या वाले 35 से 75 वर्ष की आयु के लगभग 200 मरीजों का इलाज किया है।

जीवन शैली में बदलाव के कारण यह समस्या होती है। इस प्रकार दो बड़े अस्पतालों के यूरोलॉजिस्टों की सलाह पर अमिता जोशी का इलाज शुरू किया गया । इस पर नियंत्रण पाने में डॉवटरों को 4 दिनों का समय लगा, अब वह ठीक हैं।

 151 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *