जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आईसीडीएस की समीक्षात्मक बैठक

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने 9 जुलाई को जिला मुख्यालय छपरा स्थित समाहरणालय सभागार में समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) के कार्यों की समीक्षा की।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि सारण जिला के हद में 4638 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिसमें वर्त्तमान में 4525 केंद्र संचालित हैं। अद्यतन सेविका का 256 पद एवं सहायिका का 605 पद रिक्त है।

सेविका के 4 एवं सहायिका के 5 पद के लिए विज्ञापन पूर्व में निकाला गया था, जिसके अनुरूप नियमानुसार ग्राम सभा का आयोजन कर बहाली की प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। कहा गया कि शेष रिक्तियों के संदर्भ में संशोधित प्रावधान के तहत बहाली की प्रकिया होगी।

महिला पर्यवेक्षिकाओं से स्पष्टीकरण की मांग

बैठक में कहा गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण के बाद पाया गया कि जून माह में सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका द्वारा शत प्रतिशत केन्द्रों का निरीक्षण नहीं किया गया है। जून माह में गड़खा प्रखंड में 5 महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा बहुत ही कम केन्द्रों का निरीक्षण किया गया।

इस संबंध में गड़खा की सभी 5 महिला पर्यवेक्षिकाओं से स्पष्टीकरण मांगा गया। सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा विगत 6 महीनों में किए गये निरीक्षण के मासिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को शत प्रतिशत केंद्रों का प्रतिमाह निरीक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

कहा गया कि 17 नई महिला पर्यवेक्षिकाओं का जिला में नियोजन किया गया था। इन सभी को विस्तृत रूप से प्रशिक्षण देने को कहा गया।आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन के संदर्भ में बताया गया कि वर्तमान में 629 केंद्र अपने सरकारी भवन में संचालित हैं। 118 केंद्रों का भवन निर्माणाधीन है।

156 अन्य केन्द्रों के लिए जमीन उपलब्ध है। अद्यतन 3735 केन्द्रों के भवन निर्माण के लिये जमीन की आवश्यकता है। सभी सीडीपीओ को अंचलाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर जमीन की उपलब्धता के लिए प्राथमिकता से पहल करने को कहा गया।

आंगनबाड़ी केंद्र भवन में उपलब्ध मूल-भूत सुविधाओं के संदर्भ में बताया गया कि 3981 केन्द्रों में शौचालय तथा 2801 केंद्रो में वजन मापक मशीन उपलब्ध है। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अलग से विद्युत कनेक्शन लिया जाना है। इसके लिये विधिवत आवेदन करने का निर्देश दिया गया।

सरकारी भवनों में संचालित जिन केन्द्रों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसकी सूची उपलब्ध कराने को कहा गया। वहीं कहा गया कि शौचालयों की मरम्मती/नये शौचालयों का निर्माण पंचायत की योजना के माध्यम से कराया जायेगा। सेविका/सहायिका के मानदेय का भुगतान अप्रैल-मई माह तक किया गया है।

सभी सेविका/सहायिका की उपस्थिति विवरणी अगले महीने की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से अपलोड करने का निर्देश दिया गया, ताकि मानदेय का भुगतान समय से हो सके।

बैठक में कहा गया कि मृत सेविका/सहायिका के अनुग्रह अनुदान भुगतान के 18 मामले लंबित पाये गये। इन सभी मामलों का निष्पादन अविलंब सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। भविष्य में ऐसे मामलों के निष्पादन हेतु एक स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल निर्धारित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया। इसके तहत मृत्यु के एक सप्ताह के भीतर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया सुनिश्चित कर एक महीने के अंदर समस्त प्रक्रिया को पूरा करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया।

बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के तहत वर्ष 2023-24 अंतर्गत 3612 फॉर्म अपलोड किया गया है। सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर शत प्रतिशत पात्र महिलाओं का आवेदन अपलोड करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया।

बताया गया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 0-1 वर्ष आयु की 3444 तथा 1-2 वर्ष आयु की 171 बच्चियों का पंजीकरण किया गया है।कहा गया कि पोषण ट्रैकर ऐप पर सभी सेविका नियमित रूप से प्रविष्टि करना सुनिश्चित करें। इसकी दैनिक मोनिटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को दिया गया।

सेविका के होम विजिट की भी नियमित मोनिटरिंग महिला पर्यवेक्षिकाओं को सुनिश्चित करने को कहा गया। केन्द्रों पर शत प्रतिशत बच्चों के वजन/ग्रोथ की नियमित मोनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका आदि उपस्थित थे।

 83 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *