दीवाली में पटाखों के शोर को कम कर दूसरों के घरों को करें रौशन-उपायुक्त

रौशनी के पर्व दीपोत्सव को अपने घरों में अपनों के साथ मनायें-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला (Deoghar district) उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में 13 नवंबर को दीपावली व छठ पर्व को लेकर विधि-व्यवस्था, सुरक्षा-व्यवस्था व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में सहयोग को लेकर प्रेसवार्ता का आयोजन समाहरणालय सभागार (Collectorate Auditorium)  में किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार (State government) व जिला प्रशासन द्वारा काली पूजा को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश पूर्व में जारी किया गया है। इसके अलावे दीपावली को लेकर राज्य सरकार व एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में सार्वजनिक स्थलों पर आतिशबाजी या पटाखा फोड़ने पर पूर्ण रूप से रोक लगाया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि देवघर जिला अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता स्तर प्रदूषित श्रेणी में आते हैं। ऐसे में केवल हरित पटाखे की बिक्री करने व फोड़ने की अनुमति दी गयी है। साथ हीं दीपावली, गुरू पर्व के दिन पटाखे शाम 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक फोड़ने की अनुमति के अलावा छठ, क्रिसमस, नव वर्ष आदि त्यौहारों के समय मात्र दो घंटे तक हीं पटाखे चलाये जा सकेंगे। छठ पर्व में प्रातः 6 से 8 बजे तक एवं क्रिसमस व् नव वर्ष के दिन मध्य रात्रि 11ः55 से 12ः30 तक चलाये जा सकेंगे। उक्त निर्देशों के उल्लंघन करते हुए पाये जाने पर आईपीसी की धारा-188 एवं वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा-37 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है कि मास्क या फेस कवर का उपयोग, सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए समय-समय पर हांथों की सफाई सैनेटाईजर या हैंण्डवाॅश करते रहें। प्रेस वार्ता के दौरान उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने सभी मीडिया प्रतिनिधियोें को दीपावली व छठ की शुभकामनाओं के साथ बधाई दी। साथ हीं लोगों को कोरोना काल में त्यौहारों के दौरान जागरूक व सतर्क करने में जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि कोरोनाकाल के इस दीपावली में प्रदूषण को कम करने के उद्देेश्य से कम से कम ग्रीन पटाखों का उपयोग करें और मिट्टी के दिये ही जलायें।
प्रेस वार्ता के दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है। सामान्य पटाखों की तुलना में इन्हें जलाने पर 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस उत्पन्न होता है और ये कम हानिकारक होते हैं। ग्रीन पटाखों में इस्तेमाल होने वाले मसाले भी बहुत हद तक सामान्य पटाखों से अलग होते हैं। प्रेस वार्ता में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि एवं संबंधित विभाग के कर्मी उपस्थित थे।

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