5 घंटे में आरसीएफ पुलिस ने सुलझाया बैग का मामला

वृद्ध महिला को मिला खोया हुवा आभूषण

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। सोमवार को आर सी एफ पुलिस (RCF Police) के जवानों ने एक महिला का खोया हुआ बैग महज पांच घंटे में बरामद कर उसे सुरक्षित लौटा दिया। उस बैग में सोने और चांदी के लगभग 4.5 लाख के आभूषण और नगद 20 हजार रूपये भी थे।

वाशीनाका के राहुल नगर स्थित अंगुलिमाल चॉल की रहने वाली लक्ष्मी परमेश्वर चौधरी (61) का खोया हुवा आभूषण और नगद राशि मिलने के बाद उसने पुलिस टीम और यहां के वरिष्ठ अधिकारी का आभार माना। यह शिकायत सोमवार को भारी बारिश के दौरान दोपहर एक बजे करीब दर्ज किया गया था, और शाम 6 बजे महिला का बैग उसे सही सलामत मिल गया।

आर सी एफ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर भारी बारिश के दौरान वाशीनाका के राहुल नगर स्थित अंगुलिमाल चॉल निवासी 61 वर्षीय लक्ष्मी परमेश्वर चौधरी ने अपने बैग के गुम होने की शिकायत स्टेशन (Station) ड्यूटी में तैनात पुलिस उपनिरीक्ष दीपाली पावसे से की।

वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने टीम को दी बधाई

पावसे ने इसकी जानकारी वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालासाहेब घावटे को दी। घावटे ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक टीम बनाई और खुद तीसरी आँख (सी सी टी वी ) की जांच में जुट गए।

कैसे गुम हुवा बैग मिला सुरक्षित

दर असल लक्ष्मी परमेश्वर चौधरी (61) वाशीनाका के एच पी नगर गेट से ऑटो रिक्शा के जरिए राहुल नगर स्थित अपने आवास जा रही थीं। महिला के हाथ में एक बैग भी था, ऑटो रिक्शा से उतरने के समय वह अपना बैग लेना भूल गईं। घर पहुंच कर देखा कि आभूषण का बैग ऑटो रिक्शा में ही छूट गया था।

इसकी शिकायत उन्होंने आर सी एफ पुलिस में की थीं। महज पांच घंटे में पुलिस ने बरामद कर उसे सुरक्षित लौटा दिया। उस बैग में सोने और चांदी के लगभग 4.5 लाख के आभूषण और नगद 20 हजार रूपये भी थे।

पुलिस ने कैसे सुलझाया बैग का मामला

आर सी एफ के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालासाहेब घावटे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ऑटो रिक्शा (Auto Rickshaw को ढूंढने के लिए क्राइम स्क्वायड की टीम लगा दिया। इस बिच टीम को वह ऑटो रिक्शा मिला लेकिन उसका नंबर प्लेट स्पष्ट नहीं था। इसके बाद आर टी ओ (RTO) की सहायता से ऑटो रिक्शा नंबर एम एच 03 बीए 9707 की शिनाख्त हुई। सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) में भी वही ऑटो रिक्शा देखा गया।

इसके बाद ऑटो रिक्शा के मालिक की तलाश शुरू हुई, जोकि विष्णु नगर का ही था। उक्त रिक्शा मालिक के घर पुलिस पहुंची, लेकिन चालक घर पर नहीं था। यहां पुलिस ने हवा में तीर छोड़ा जो निशाने पर जा लगा। विष्णु नगर में ऑटो चालक का बेटा घर पर था, पुलिस दल का नेतृत्व सीनियर घावटे कर रहे थे।

यहां सहायक पुलिस निरीक्षक किरण मांढरे और पुलिस उपनिरीक्ष दीपाली पावसे ने उस लड़के से ऑटो रिक्शा में छूटा हुआ बैग मांगा, तो उसने अनभिग्यता जताते हुए एक बैग दिखाया जो फरयादी लक्ष्मी परमेश्वर चौधरी का ही था। उक्त बैग के जांच में सारा कुछ ज्यों का त्यों मिला जिसे पुलिस ने महिला को लौटा दिया।

यह सब फिल्मों की कहानियों की तरह हुआ, फिल्में 3 घंटे में खत्म होती हैं और इसमें 5 घंटे लगे। इस टीम में ए पी आई किरण मांढरे के अलावा कांस्टेबल विजय चंद्रकांत घोगरे, संकेत संदीप राउत, चंद्रकांत खैरे, गिरधारी कुठे, सुदाम सनाप ने अहम भूमिका निभाई।

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