रांची नगर निगम मेयर ने विभिन्न वार्डों का किया निरीक्षण

एस.पी.सक्सेना/झारखंड (रांची)। मानसून की बारिश शुरू होने से पूर्व 12 जून को रांची नगरनिगम की मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक- 9, 21, 22, 23 व 24 में नालियों की साफ-सफाई का निरीक्षण किया। हालांकि रांची नगर निगम के एक भी अधिकारी मेयर के निरीक्षण के दौरान उपस्थित नहीं रहे। मेयर की ओर से बीते 11 जून को ही संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहने की सूचना दे दी थी।
मेयर डॉ लकड़ा ने बताया कि बारिश के मौसम में जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए लगातार बड़े व छोटे नालों की सफाई की जा रही है। साथ ही बड़े नालों के क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त करने के लिए अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि रांची के अल्बर्ट एक्का चौक से 53 वार्ड लगभग 12 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है। शहर की आबादी भी लगभग 20 लाख है। वे यथासंभव एक-एक वार्ड में पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस क्रम में मेयर ने जोड़ा तालाब के अधूरे कार्यों का भी निरीक्षण किया। हालांकि अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें जोड़ा तालाब के अधूरे कार्यों से संबंधित कारणों की जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों से बात कर तालाब के आधे-अधूरे कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने का कार्य किया जाएगा। वार्ड-21 के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि मंदिर व आँचल शिशु आश्रम के समीप गंदगी का ढेर लगा है, जिसे साफ करने का निर्देश जोनल सुपरवाइजर को दिया गया है। इसके बाद मेयर बड़ा तालाब के समीप पहुंची। उन्होंने तालाब के आधे-अधूरे सुंदरीकरण कार्य पर आपत्ति जताई और कहा कि रांची नगर निगम ने अपने स्तर से तालाब में भरे पड़े जलकुंभी को निकाल दिया है, परंतु बड़ा तालाब के सुंदरीकरण का कार्य कर रही एजेंसी ने पानी में भरे पड़े गाद की सफाई नहीं की है। वर्तमान में पहाड़ी टोला समेत शहर के कई हिस्सों का गंदा पानी बड़ा तालाब में ही गिराया जा रहा है। मेयर ने कहा कि नालों से तालाब में गिराए जा रहे गंदा पानी को साफ करने के लिए सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना तैयार कर टेंडर भी निकल गया, परंतु कोरोना संक्रमण के कारण अब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। शिड्युल्ड रेट रिवाइज्ड होने के कारण 14वें वित्त आयोग की कई योजनाएं लंबित हैं। पूर्व में विभिन्न योजनाओं के लिए निकाले गए टेंडर को रद्द कर नए शिड्युल्ड रेट के अनुसार टेंडर निकालने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद मेयर ने वार्ड-23 व 24 को जोड़ने वाले जर्जर पुल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जुड्को (juidco) ने हरमू नदी को बर्बाद कर दिया है। जर्जर पुल के समीप से गाद को निकाल कर पुल के समीप ही छोड़ दिया गया है, जिसकी सफाई रांची नगर निगम के सफाईकर्मियों से कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जर्जर पुल का भी नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुजाता चौक व हरमू बाइपास में ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होने पर वार्ड-23 व 24 को जोड़ने वाला जर्जर पुल ही वैकल्पिक मार्ग है। इस लिहाज से पुल का नए सिरे से निर्माण कराना आवश्यक है। रांची नगर निगम के माध्यम से इस जर्जर पुल की जगह नए पुल का निर्माण कराया जाएगा। नगर आयुक्त पर तंज कसते हुए मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार को शहरवासियों को हो रही परेशानी की कोई चिंता नहीं है। जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए वे अब तक बड़े व छोटे नालों की सफाई के लिए लगातार दो बार महा अभियान चला चुके हैं, परंतु नालों का सफाई कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है। नगर आयुक्त सफाई से संबंधित कार्यों का निरीक्षण भी करते हैं, परंतु उन्हें शहर के किसी भी क्षेत्र में गंदगी नज़र नहीं आती है। शहर की मेयर साफ-सफाई का निरीक्षण करने निकलती है तो पूर्व में सूचित किए जाने के बाद भी रांची नगर निगम के एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते। नगर आयुक्त का यह आचरण निंदनीय है। वे न तो स्वयं इस शहर के लिए विकास संबंधी कार्य करना चाहते हैं और न ही निगम के अन्य अधिकारियों को कार्य करने दे रहे हैं। जिस अधिकारी को रांची नगर निगम की जिम्मेदारी देने के बाद राज्य सरकार ने दो अन्य विभागों का प्रभार दे दिया गया है, वे शहर की 20 लाख आबादी की समस्या का समाधान कैसे करेंगे? उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि रांची नगर निगम में उर्जावान व पब्लिक फ्रेंडली अधिकारी की नियुक्ति की जाए। वर्तमान नगर आयुक्त के भरोसे शहर की 20 लाख आबादी की समस्या का समाधान संभव नहीं है।

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