प्रबंधन से वार्ता के बाद रैयतो का आंदोलन थमा

आगामी 9 जुलाई को रैयतो, सेल कमेटी व् प्रबंधन के बीच बैठक पर बनी सहमति

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। पिछले दो दिनों से बोकारो जिला के हद में जारंगडीह में खेतको के रैयत विस्थापित अपने जमीन के बदले सीसीएल प्रबंधन से नौकरी और मुआवजा तथा सेल में हिस्सेदारी की मांग को लेकर जारंगडीह सेल को बंद कर रखा था। जिस कारण सेल कमेटी, ट्रक मालिको और डीओ धारकों के बीच तिखी नोक झोंक भी हुई थी। स्थानीय बोकारो थर्मल पुलिस मामले को शांत करवाया था।

जानकारी के अनुसार 26 जून की सुबह एकबार फिर खेतको के दर्जनों रैयत सेल बंद करवाने पहुंचे। इसे लेकर पुलिस की मध्यस्थता के बाद पीओ कार्यालय में बैठक हुई। जिसमे तय हुआ कि इस मामले को फिलवक्त टाला जाये और आगामी 9 जुलाई को सभी पक्षों की एक बैठक जारंगडीह अतिथि गृह में होगी, जिसमे इस मुद्दे पर विचार विमर्श होगा। इस सफल वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त करते हुए रैयतो ने कहा कि हमारा आंदोलन हक मिलने तक जारी रहेगा।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रैयत नौशाद अंसारी, जाकिर अंसारी तथा शाह मोहम्मद मुख्य रूप से वार्ता मे शामिल थे। वही दुसरे पक्ष से सेल अधिकारी अजीत कुमार, पूर्व मुखिया मोहम्मद इम्तियाज अंसारी, वीरेंद्र चौहान, अर्जुन यादव, अनिल अधिकारी, पप्पू लाला, डीपी सिंह, सुरेंद्र साव, अजीत, सुबोध, भगवान सिंह, छोटू मिश्रा, विपिन यादव, विक्कू, सिंटू, जितेंद्र यादव, सीपी दुबे, मनोज सिंह, परीक्षित सिन्हा, बोकारो थर्मल थाना के पुलिस अवर निरीक्षक विक्रांत मुंडा, आरके गुप्ता व अनुराग मेहता दल बल के साथ मौजूद थे।

वार्ता के बाद जारंगडीह के पुर्व मुखिया इम्तियाज़ तथा सेल कमेटी के सदस्यों ने कहा कि जबरन सेल में हिस्सा मांग कर सेल को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि तमाम विस्थापित गांवो जैसे खेतको, असनापानी, बोड़िया बस्ती तथा जारंगडीह को लोकल सेल में बराबर की हिस्सेदारी प्राप्त है। कहा कि अगर इसी तरह रैयत बनकर आंदोलन कर सेल को बाधित किया जाता रहा तो यह कृत्य सैकड़ों गरीबो के पेट में लात मारने जैसा होगा।

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