बालिका दुर्व्यवहार के खिलाफ चिपुदाग में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के चिपुदाग स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सहयोगिनी संस्था द्वारा बालिका दुर्व्यवहार तथा ट्रैफिकिंग के खिलाफ जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान सभी को बालिका ट्रैफिकिंग के खिलाफ शपथ भी दिलाई गई।

कार्यक्रम के संबंध में सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने 22 जून को बताया कि मानव व्यापार तथा बाल मजदूरी के खिलाफ सुरक्षित गांव बनाने को लेकर स्कूलों तथा गांवो में यह अभियान चलाया रहा है। उन्होंने कहा कि इन सतत प्रयासों का उद्देश्य बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल श्रम के खिलाफ आमजनों में जागरूकता के स्तर को बढ़ाना है। साथ हीं इसकी बुराइयों से उन्हें अवगत कराना है।

उन्होंने कहा कि यद्यपि पिछले एक दशक में देश में केंद्र और राज्य सरकारों ने बच्चों की ट्रैफिकिंग पर काबू पाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, लेकिन आम जनों में जागरूकता की कमी के कारण यह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है।
कार्यक्रम के दौरान सहयोगिनी के समन्वयक रवि कुमार राय ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों सहित झारखंड में बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना दशकों से एक बड़ी चुनौती है।

यद्यपि सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर प्रयासों के कारण ट्रैफिकिंग के मामले दर्ज होने की संख्या बढ़ी है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना शेष है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में हर घंटे नौ बच्चे लापता होते हैं। जबकि, रोजाना आठ बच्चे ट्रैफिकिंग के शिकार होते हैं।

रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देश 77,535 बच्चे लापता हुए जो 2020 के मुकाबले 31 प्रतिशत ज्यादा है। हमें अपने परिवार गांव को सुरक्षित रखना है, तो हमें सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा कि बाल व्यापार तथा बाल मजदूरी का यह तथ्य कि आज ज्यादा से ज्यादा रहिवासी बच्चों के लापता होने की जानकारी देने सामने आ रहे हैं।

यह अपने आप में बड़ा बदलाव है। यह इस बात का संकेत है कि जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर हमने जो जागरूकता अभियान चलाया है, उससे रहिवासियों की मानसिकता बदली है और सुखद नतीजे सामने आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकारें और कानून, प्रवर्तन एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने के प्रयासों में जुटी हुई है, लेकिन इस संगठित अपराध को देश से पूरी तरह खत्म करने के लिए कड़े एंटी-ट्रैफिकिंग कानून की जरूरत है। इस दौरान कॉमिक्स बुक्स के माध्यम से बच्चों को बाल तस्करी के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक साकेत कुमार, सहायक शिक्षक रंजन कुमार, गौतम कुमार सिन्हा, गौरी शंकर महतो, नूपुर कुमारी, आंगनबाड़ी सहायिका प्रियंका देवी, सेविका किरण कुमारी, समाजसेवी अमित कुमार महतो, अनिल कुमार, राकेश कुमार, पंचायत समिति सदस्य कौसर हासमी आदि उपस्थित थे।

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