बाल विवाह मुक्ति को लेकर जिले भर में कार्यक्रम आयोजित

बाल विवाह के खिलाफ मशाल लेकर अलख जगाने उतरी पीड़ित महिलाएं

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। पूरे देश में चल रहे बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत 16 अक्टूबर को मनाए गए बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर सहयोगिनी संस्था द्वारा बोकारो जिले मे 172 जगह जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में लगभग 73000 महिलाओं, बच्चों और आम जनों ने शपथ ली।

जानकारी के अनुसार शपथ ग्रहण में कहा गया कि वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे। बड़े पैमाने पर हुए इन कार्यक्रमों में क्षेत्र के रहिवासियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया।

इस संबंध में सहयोगिनी की सचिव कल्याणी सागर ने बताया कि
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएचएफएस-2019-21) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयु वर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था, जबकि बोकारो जिले में 26.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह‌ 18 वर्ष की होने से पहले हो गया था।

सागर ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। कहा कि भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं।

सोलह अक्टूबर को इस अभियान के एक साल पूरे हुए। इस अर्से में पूरे देश में हजारों बाल विवाह रुकवाए गए और लाखों देशवासियों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली।

उन्होंने बताया कि गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे रहिवासियों की चहल पहल रही और इस दौरान स्कूलो में शपथ ग्रहण, महिला समूहो द्वारा शपथ ग्रहण, प्रभात फेरी जैसे तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

बताया जाता हैं कि सूरज ढलने के बाद हजारों पीड़ित महिलाओं व् जिलावासियों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च निकाला और रहिवासियों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के रहिवासियों ने हिस्सा लिया।

बताया गया कि इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में रहिवासियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

बाल विवाह की पीड़ा से गुजरने के बाद अब इसके खात्मे के लिए अलख जगा रहीं बोकारो की सुचित्रा सिंह, अनीता झा, कल्याणी सागर ने कहा कि सरकार के जागरूकता अभियान से ही बाल विवाह की समाप्ति होगी। कहा गया कि आज हम सभी शपथ लेते हैं कि बाल विवाह का खात्मा करके रहेंगे।

इस अवसर पर सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने कहा कि बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन नागरिक समाज और झारखंड सरकार द्वारा राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और निरापद वातावरण होगा।

इन दोनों द्वारा साथ मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत का सपना पुरा करना सुनिश्चित करेंगी।

इस दौरान सहयोगिनी संस्था के फुलेंद्र रविदास, विकास गोस्वामी, रवि कुमार राय, मिंटी कुमारी सिंहा, प्रतिभा कुमारी, पूर्णिमा देवी, सोनी कुमारी, अंजू देवी, सूर्यमणि देवी, कुमारी किरण, राज किशोर शर्मा, अनंत कुमार सिंहा, उस्मान अंसारी, अशोक कुमार महतो, प्रवीण कुमार आदि ने सक्रिय रूप से योगदान दिया।

 209 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *