उत्पादन ग्राफ बढ़ रहा है तो सुविधाओं में कटौती क्यों-श्यामल

कारगली जीएम कार्यालय के समक्ष राकोमसं का प्रदर्शन

एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। मजदूर संगठन इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के बीएंडके एरिया कमेटी (B&K Area committee) की ओर से 26 जुलाई को कारगली जीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर 28 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया।

इसके पूर्व करगली गेट से जुलूस निकालकर राकोमसं नेताओं ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस अवसर पर महाप्रबंधक कार्यालय के शमक्ष सभा का आयोजन किया गया।
नुक्कड़ सभा में यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष सह एरिया सचिव श्यामल कुमार सरकार ने कहा कि वर्तमान केंद्र की सरकार व कोल इंडिया प्रबंधन मजदूर विरोधी है।

उन्होंने कहा कि कोयला मजदूरों के उपर नए-नए कानून और नियम लागू किए जा रहे हैं। पूर्ण रूप सक्षम कई कोयला मजदूरों के आश्रितों को नियोजन नहीं मिल रहा है। मेडिकल, पेंशन, संडे आदि सुविधाओं में भी कटौती की जा रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि उत्पादन का ग्राफ बढ़ रहा है, तो सुविधाओं में कटौती क्यों की जा रही है?

उन्होंने मांग की कि करगली कोल वाशरी और करगली कोलियरी को अविलंब चालू की जाए। कारो परिजनों में एक डिपार्टमेंटल पैच चालू की जाए।

यूनियन के क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध सिंह पवार ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन द्वारा एक साजिश के तहत आउटसोर्सिंग मजदूरों का हक छीना जा रहा है। एकजुट होकर संघर्ष नहीं करेंगे तो मजदूरों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने हाई पावर कमिटी के निर्णय के अनुसार असंगठित मजदूरों को वेतन देने की मांग की है। इंटक के प्रदेश सचिव सह विधायक प्रतिनिधि महेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि इस सरकार में मजदूरों का शोषण बढ़ा है। अन्याय के खिलाफ मजदूर एकजुट हो।

विश्वकर्मा ने कहा कि राकोमसं सीसीएल के सभी एरिया में संगठित और असंगठित मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाएगा और आंदोलन करेगा। इसके लिए मजदूरों को एकता का परिचय देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर प्रबंधन के द्वारा हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की जाती है, तो आगामी 11 अगस्त से पूरे एरिया का चक्का जाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीति को सभी मजदूर जान चुके हैं और हक के लिए लड़ने को तैयार हैं। एरिया के विस्थापितों के सभी लंबित मामलों को अभिलंब निष्पादित किया जाए।

प्रदर्शन के बाद एसओपी राजीव कुमार को 28 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। जिसमें संडे कटौती का विरोध, करगली वाशरी और करगली कोलियरी को अविलंब चालू करने, कायाकल्प योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता में ध्यान देने आदि मांगे शामिल है।

मौक़े पर ए पी सिंह, अशोक अग्रवाल, प्रताप सिंह, शरण सिंह राणा, सुब्रतो मुखर्जी, धर्मेंद्र सिंह, अभय सिंह, संजय तिवारी, ललन रवानी, पुनित महतो, उत्तम कुमार, हसनैन अहमद, गौतम सेन गुप्ता, राजेश सिन्हा, नीरजन सिंह, डोमन पासवान, गुलाम रवानी, लीलधारी गुप्ता, रिंकू निषाद आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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