भाजपा की रांची आक्रोश रैली में जा रहे वाहनों को पुलिस ने रोका

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। भाजपा के सारंडा मंडल अध्यक्ष मधुसुदन तुबिद ने झारखंड सरकार के इशारे पर विभिन्न थानों की पुलिस पदाधिकारियों द्वारा भाजपा द्वारा राँची के मोहराबादी मैदान में 23 अगस्त को आयोजित आक्रोश रैली में जाने से रोकने का गंभीर आरोप लगाया है।

इस संबंध में मंडल अध्यक्ष तुबिद ने कहा कि भाजपा द्वारा हेमंत सोरेन सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ राँची में सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली करने वाली है। इस रैली में सारंडा से उनके नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता बस में सवार होकर पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में किरीबुरु से राँची के लिये निकले।

सबसे पहले किरीबुरु थाना पुलिस, फिर गुवा थाना की पुलिस ने बराईबुरु में, उसके बाद बडा़जामदा एवं नोवामुण्डी थाना पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र में सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं से भरी बस को रोककर उसके चालक का लाइसेंस, बस के कागजात आदि की मांग कर परेशान व रैली में जाने से रोकने का कार्य किया जाता रहा।

तुबिद ने कहा कि हमने पुलिस पदाधिकारियों से पूछा कि क्या सिर्फ एक बस में हीं गलत यात्री सवार हैं या गड़बड़ी है। बाकी वाहनों की जाँच क्यों नहीं हो रही है? पुलिस जब अपराध नियंत्रण के प्रति इतनी गंभीर है तो अन्य दिनों एवं आज भी अवैध व ओवर लोड बिना चलान के बालू, गिट्टी आदि लेकर दिन-रात विभिन्न थाना से पुलिस की मिलीभगत से गुजर रही हाईवा व अन्य वाहनों को पुलिस क्यों नहीं पकड़ पा रही है।

विभिन्न थाना क्षेत्रों से महज कुछ दूरी पर होटल, ढाबा आदि दुकानों में अवैध तरीके से गांजा, शराब आदि की खुलेआम बिक्री हो रही है, पुलिस इस पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है? जिस यात्री बस को आज रैली में जाने से रोका जा रहा है।

कहा कि वहीं बस प्रतिदिन किरीबुरु से जमशेदपुर एक निर्धारित समय पर चलती है। हर दिन उस वाहन के कागजात की जांच पुलिस क्यों नहीं करती है? उन्होंने कहा कि पुलिस सरकार के इशारे पर कार्य कर भाजपा को हर कदम पर रोकने का कार्य कर रही है।

उन्होंने बताया कि बीते 22 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा़ ने भी छोटानागरा पुलिस पर स्कौट से मना करने संबंधित गंभीर आरोप लगाया था। तुबिड ने कहा कि हेमंत सरकार के इशारे पर काम करने वाले सारे पुलिस पदाधिकारियों को चिन्हित किया जा रहा है, ताकि विधान सभा चुनाव के दौरान उनकी शिकायत चुनाव आयोग से कर संबंधित क्षेत्र से उन्हें हटवाकर निष्पक्ष चुनाव हेतु आग्रह किया जा सके।

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