पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रास्ते में रोका

 

मॉब लिंचिंग शिकार पीड़तों को डिटेन करना लोकतंत्र का गला घोंटना-धीरेंद्र

एस.पी.सक्सेना/दरभंगा (बिहार)। समस्तीपुर (Samastipur) के आधारपुर मॉब लिंचिंग की न्यायिक जांच कराने, मॉब लिंचिंग की शिकार पीड़तों को न्याय व सुरक्षा दिलाने की मांग को लेकर 6 जुलाई को ऐपवा और इंसाफ मंच के संयुक्त बैनर तलें दरभंगा पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष एक दिवसीय सत्याग्रह के तहत मुँह पर काला पट्टी बांधकर विरोध व्यक्त किया गया।

इस दौरान सत्याग्रह का नेतृत्व भाकपा माले के मिथिलांचल प्रभारी व पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, दरभंगा ऐपवा जिला सचिव सनीचरी देवी, अध्यक्ष साधना सिंह, समस्तीपुर ऐपवा की जिला अध्यक्ष वंदना सिंह, समस्तीपुर इंसाफ मंच के जिला सचिव खुर्शीद खैर कर रहे थे।

सत्याग्रह के दौरान इंसाफ मंच और ऐपवा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जमकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) व दरभंगा आईजी के खिलाफ आक्रोशपूर्ण नारेबाजी कर बाघी आधारपुर के मॉब लिंचिंग की शिकार पीड़तों को न्याय दो की मांग कर रहे थे।

एक दिवसीय सत्याग्रह का संचालन दरभंगा भाकपा माले के जिला कमिटी सदस्य देवेंद्र कुमार ने किया। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के मिथिलांचल प्रभारी व पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि वर्तमान में जदयू-भाजपा के राज में न्याय की गुहार लगाने का भी अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि दरभंगा आईजी के समक्ष बाघी आधारपुर मॉब लिंचिंग की शिकार पीड़िता न्याय की गुहार लगाने के लिए दरभंगा आ रही थी। यहां आने के क्रम में पूसा में समस्तीपुर पुलिस के द्वारा उनको डिटेन कर दरभंगा जाने से रोक दिया गया। यह एक तरह से लोकतंत्र पर हमला है।

नीतीश कुमार की पुलिस कितना भी लोकतांत्रिक आंदोलनों पर हमला कर लें। न्याय और इंसाफ की लड़ाई रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कैसी सरकार है। भीड़ हिंसा करने वालों को गिरफ्तार करने के बजाए, भीड़ हिंसा की शिकार पीड़तों को डिटेन किया जा रहा है।

इंसाफ की मांग कर रही पीड़तों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रहा है। यह दर्शाता है कि जदयू-भाजपा की सरकार किसके साथ खड़ी है। आधारपुर में हुए मॉब लिंचिंग की शिकार पीड़ितों के इंसाफ के लिए भाकपा माले का सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रहेगा।

इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि वर्तमान समय में सुशासन बाबू के सरकार में लगता है कि इंसाफ की गुहार लगाना भी अपराध हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पुलिस के नाक के नीचे उनकी मौजूदगी में बाघी आधारपुर की घटना को अंजाम दिया गया।

एक शिक्षिका को खुलेआम अर्धनग्न कर सड़क पर घुमाया जाता है। बर्बरता से पिटाई कर मार देने की घटना ने पूरे मिथिलांचल को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज हमलोगों ने आईजी के समक्ष सत्याग्रह कर न्याय की मांग किया है। हमारी लड़ाई मॉब लिंचिंग के शिकार पीड़तों को इंसाफ दिलाने तक जारी रहेगा।

उन्होंने बताया कि दरभंगा आईजी के द्वारा आश्वाशन दिया गया है कि आरोपी सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए समस्तीपुर एसपी को आदेश दिया गया है।
समस्तीपुर ऐपवा जिला अध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा कि वर्तमान में जदयू-भाजपा की सरकार खूब बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण का राग अलापती है, जबकि सच्चाई में देखे तो यह सब ढकोसला है।

उन्होंने कहा कि समस्तीपुर के बाघी आधारपुर मॉब लिंचिंग की शिकार पीड़ता जब न्याय की गुहार लगाने दरभंगा आईजी के समक्ष आना चाहती थी, उसे डिटेन कर आने से रोक देना सत्ता प्रशासन और सरकार का असली चेहरा को उजागर करता है।

महिला नेत्री ने कहा कि न्याय और इंसाफ की लड़ाई को लाख सत्ता प्रशासन दबाने की कोशिश कर ले, ऐपवा महिलाओं पर बढ़ते यौन उत्पीड़न और मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते रहेगी।

सत्याग्रह के दौरान इंसाफ मंच और ऐपवा का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल दरभंगा आईजी से वार्ता करने गई। जिसमें इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, दरभंगा इंसाफ मंच के जिला सचिव मकसूद आलम उर्फ पप्पू खान, अध्यक्ष सैयद अकबर रज़ा, समस्तीपुर इंसाफ मंच के जिला सचिव खुर्शीद खैर, दरभंगा ऐपवा की जिला सचिव सनीचरी देवी शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने अपने सभी मांगों पर आईजी से गंभीरता पूर्वक वार्ता की।

एक दिवसीय सत्याग्रह में दरभंगा भाकपा माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, माले के नेता लक्ष्मी पासवान, भाकपा माले के राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, इंसाफ मंच के नेता मो. जलालुद्दीन साहिल, मो. मुमताज़ अली उर्फ गुड्डू , मो. जमशेद, राशिदा खातून, दरभंगा नगर सचिव सादिक भारती, भाकपा माले स्थाई कमिटी सदस्य भूषण मण्डल, अशोक पासवान, समस्तीपुर जिला भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह, समस्तीपुर के इनौस नेता आशिफ अली, कल्याणपुर विधानसभा के महागठबंधन के पूर्व प्रत्याशी रंजीत राम, आइसा के कार्यकारी जिला सचिव मयंक यादव आदि शामिल थे।

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